तेल अवीव/नई दिल्ली। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ रही हैं। न्यायपालिका के अधिकार कम करने के उनके न्यायिक सुधार बिल के विरोध में लगभग पूरा इजराइल सड़कों पर उतर गया है। लाखों लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया है। राजधानी तेल अवीव से विमानों की उड़ानें बंद हो गई हैं। दुनिया भर के देशों में इजराइली दूतावासों में भी आंदोलन शुरू हो गया है। भारत की राजधानी दिल्ली में इजराइली राजदूत सहित दूतावास के तमाम कर्मचारी प्रधानमंत्री के खिलाफ हड़ताल पर हैं और इस वजह से दूतावास बंद हो गया है।
इजराइल में प्रधानमंत्री के खिलाफ अब शिक्षक और डॉक्टर्स भी अपना काम छोड़ कर प्रदर्शनों में शामिल हो गए हैं। इसकी जानकारी इजराइल की सबसे बड़ी ट्रे़ड यूनियन के हेड इसाक हेर्जोग ने दी। वहीं, इजराइल के तेल अवीव एयरपोर्ट पर काम करने वाले सभी लोग नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते उड़ानों के टेक ऑफ करने पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि इजराइल में महीनों से चल रहा प्रदर्शन सोमवार को फिर से तेज हो गया।
इसका तात्कालिक कारण यह है कि नेतन्याहू ने रविवार को रक्षा मंत्री योआव गैलैंट को बरखास्त कर दिया। उन्होंने शनिवार को टीवी पर एक प्रोग्राम में कहा था कि देश के न्यायालय को कमजोर करने के लिए जो बिल लाया गया है, उससे सेना में भी फूट पड़ रही है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा है। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार को विपक्ष के साथ बैठ कर बातचीत करनी चाहिए।
रविवार को इजराइल में लाखों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और नेतन्याहू से विवादित बिल को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव के मेन हाइवे को ब्लॉक कर दिया। इजराइल के लोगों ने रविवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निजी घर के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस की इन लोगों से झड़प हुई।
मामला बढ़ता हुआ देख कर अमेरिका ने भी इजराइल में हो रहे प्रदर्शन पर टिप्पणी की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा है कि इजराइल को जल्दी से जल्दी इस मामले का समाधान करना चाहिए। बहरहाल, भारत सहित दुनिया भर के दूतावासों के कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। नई दिल्ली में इजराइली दूतावास कट्टर दक्षिणपंथी सरकार के विरोध में अपने सबसे बड़े श्रमिक संघ की ओर से बुलाई गई हड़ताल में भाग ले रहा है।