राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

अब भी धंस रहा है जोशीमठ

देहरादून। जोशीमठ से छह सौ से ज्यादा परिवारों के करीब चार हजार लोगों को निकाला जा चुका है। इस बीच ऐसी इमारतों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिनमें दरार आ रही है। शहर के कई इलाकों में जमीन धंसने की खबर है। एक पावर प्लांट दिवारें टूटने और जमीन धंसने की खबर है। यहां तक जोशीमठ में सेना के कुछ बैरकों में दरार आई है, जिसके चलते कुछ जवानों को ऊपर के दूसरी बैरक में शिफ्ट किया गया है।

दरार उन बैरकों में आई है जो नदी के करीब हैं। हालांकि सेना का बिग्रेड हेडक्वार्टर पूरी तरह सुरक्षित है। गौरतलब है कि, हेडक्वार्टर पहाड़ी पर स्थित है। भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी का बटालियन भी सुरक्षित है। शहर के हालात को देखते हुए आईटीबीपी की तीन कंपनी तैयार रखी गई है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर दरार का असर निचले इलाके पर है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बाद रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जोशीमठ का दौरा किया और सेना के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।

गौरतलब है कि लगातार जमीन घंसने की घटनाओं की वजह से जोशीमठ को धंसता क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां के कई घरों और सड़कों में पिछले कुछ दिनों में दरारें आई हैं, जिसके चलते क्षेत्र के निवासियों में उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा र हा है। एक निजी टेलीविजन चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी प्लांट के आवासीय परिसर का मेस ढहने लगा है और छत धंसने लगी है। बताया जा रहा है कि इसके पूरे आवासीय परिसर को खाली कराकर इसे रेड जोन घोषित कर दिया गया है।

खबरों के मुताबिक जलविद्युत परियोजनाओं सहित अनियोजित बुनियादी ढांचे के निर्माण के कारण इमारतों और सड़कों में भारी दरारें दिखाई दे रही हैं। इससे कई इमारतों के कभी भी ढहने की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने सभी निर्माण कार्य, हाईवे पर चल रहे काम और एनटीपीसी में निर्माण की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। लेकिन रोक के बावजूद जोशीमठ में रात के अंधेरे में भारी मशीनों से पहाड़ काटे जा रहे हैं। मशीनों की आवाज दूर दूर तक सुनी जा सकती है।

Tags :

By NI Desk

Get International Hindi News with in-depth coverage of major events, politics, economy, and social issues worldwide. Stay informed with detailed, reliable updates on everything happening around the globe.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें