चेन्नई। दिल्ली सरकार के अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले के मसले पर केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों का समर्थन जुटाने के लिए पूरे देश का चक्कर लगा रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले। स्टालिन ने उनको भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी अध्यादेश के मसले पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि सरकार जब इसका बिल संसद में लाएगी तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्टालिन से उनके आवास पर मिलने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा- हमने आज उनसे दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा की। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। सीएम स्टालिन ने आश्वासन दिया है कि डीएमके, आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों के साथ खड़ी रहेगी। इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह व राघव चड्ढा और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी भी मौजूद रहीं।
केजरीवाल दो जून को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में मुलाकात करेंगे। इससे पहले अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं। अध्यादेश के मसले पर सभी नेताओं ने केजरीवाल का समर्थन किया है और कहा कि वे राज्यसभा में इसके खिलाफ वोट करेंगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अधिकारियों पर चुनी हुई सरकार का ही नियंत्रण रहेगा। पांच जजों की संविधान पीठ ने एक राय से कहा- उप राज्यपाल कानून व्यवस्था, पुलिस और जमीन को छोड़ कर बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे। इसके सात दिन बाद केंद्र सरकार ने 18 मई को अध्यादेश जारी करके अधिकारियों कि नियुक्ति और तबादले के लिए एक प्राधिकरण बना दिया।