जामनगर। गुजरात के मोरबी में पिछले साल अक्टूबर में हुए पुल हादसे के एक फरार आरोपी ने मंगलवार को अदालत के सामने सरेंडर कर दिया। पुल के रखरखाव का काम करने वाली कंपनी ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल ने मंगलवार को अदालत के सामने समर्पण किया है। गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।
इस मामले में पुलिस की ओर से 27 जनवरी को दाखिल आरोपपत्र में पटेल को एक आरोपी के रूप में नामजद किया गया था। पटेल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने मंगलवार को समर्पण कर दिया। अदालत ने पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गौरतलब है कि ओरेवा समूह की अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड मोरबी में मच्छू नदी पर अंग्रेजों के जमाने में बने झूलता पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था, जो मरम्मत के कुछ दिनों बाद पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था।
इस मामले में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील दिलीप अगेचानिया ने कहा- जयसुख पटेल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। सीजेएम की अदालत में पुलिस उपाधीक्षक पीएस जाला की ओर से दाखिल 12 सौ से अधिक पन्नों के आरोपपत्र में, पटेल का जिक्र दसवें आरोपी के रूप में किया गया था। पटेल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी। गौरतलब है कि सरकार की बनाई विशेष जांच टीम, एसआईटी ने ओरेवा ग्रुप द्वारा मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई गड़बड़ियां किए जाने का ज़िक्र किया था।