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मुजफ्फरपुर कांडः विपक्ष ने मंत्री का इस्तीफा मांगा, नीतीश ने जांच का दिया आदेश

ByNI Desk,
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को विधान सभा (Assembly) में बताया कि मुजफ्फरपुर की आपराधिक घटना की जांच के आदेश दे दिये गये हैं और अधिकारियों को घटना के हर पहलू पर गौर करने को कहा गया है। श्री कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में भोजनावकाश से पहले की कार्यवाही के दौरान भाजपा (BJP) के सदस्यों के हंगामे के बीच हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर घटना की जांच करने के निर्देश दे दिए गए हैं और संबंधित अधिकारियों को इस मामले के हर पहलू पर गौर करने को कहा गया है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि एक बार जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि केवल आश्वासन के आधार पर सदन नहीं चल सकता है। उन्होंने नीतीश सरकार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कोटे से मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी (Mohammad Israel Mansuri) को बर्खास्त करने की मांग की।

श्री सिन्हा ने कहा कि इस साल नौ फरवरी को राहुल कुमार की हत्या कर दी गयी और हत्या में शामिल उक्त मंत्री के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि मंत्री पद पर बने रहने तक कोई भी अधिकारी घटना का संज्ञान नहीं लेगा इसलिए जांच पूरी होने तक श्री मंसूरी को बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री को ‘न तो किसी को बचाने न फंसाने’ की उनकी नीति याद दिलाते हुए कहा कि यह एक हाई प्रोफाइल मामला है और घटना के 15 दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री चाहें तो एक घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट आ सकती हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन केवल आश्वासनों पर काम नहीं कर सकता है । उन्होंने कहा कि सेना के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने वाले राजद कोटे के एक और मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव को भी बर्खास्त किया जाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने हंगामे के बीच कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मुजफ्फरपुर की घटना के संबंध में पर्याप्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भाजपा सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलने देने में सहयोग करने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। सभाध्यक्ष ने कहा कि आसन कमजोर नहीं है कि वह किसी दबाव के आगे झुक जाए। उन्होंने एक बार फिर आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई जरूर की जाएगी।
मुख्यमंत्री के आश्वासन से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्य दोनों मंत्रियों श्री मंसूरी और श्री सुरेंद्र यादव को बर्खास्त करने की मांग करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।

इससे पहले प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने मुजफ्फरपुर कांड और सेना के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष श्री सिन्हा ने सदन के अन्य सभी सूचीबद्ध कार्यों को स्थगित करते हुए दोनों मुद्दों पर विशेष बहस की मांग की और कहा कि दबाव के कारण मुजफ्फरपुर में राहुल कुमार की हत्या के मामले की प्राथमिकी में मंत्री श्री मंसूरी का नाम दर्ज नहीं किया जा रहा है।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन प्राथमिकी में मंत्री का नाम शामिल करने का फैसला नहीं कर सकता है। उन्होंने विपक्ष से घटना के संबंध में अपने आरोपों से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने मंत्री सुरेंद्र यादव द्वारा भारतीय सेना के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के संदर्भ में कहा कि मंत्री ने अपनी मंशा पहले ही स्पष्ट कर दी है।

इस पर नेता प्रतिपक्ष श्री सिन्हा ने सरकार से घटना के पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की और कहा कि जब तक वह मंत्री पद पर हैं तब तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराधियों की समानांतर सरकार चल रही है। राज्य में पूर्ण “जंगलराज” और “गुंडाराज” है लेकिन मुख्यमंत्री इसे जनता राज कह रहे हैं। विपक्ष अपनी मांग के समर्थन में सदन के बीच में हंगामा करता रहता है। हालांकि हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही जारी रही। (वार्ता)

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