nayaindia parliamentary committee electric vehicles air pollution petroleum products toll tax इलेक्ट्रिक वाहनों को पथकर में छूट देने पर विचार करे सरकार: संसदीय समिति

इलेक्ट्रिक वाहनों को पथकर में छूट देने पर विचार करे सरकार: संसदीय समिति

नई दिल्ली। संसद की एक समिति (parliamentary committee) ने वायु प्रदूषण में कमी लाने और आयातित पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता कम करने के लिए विद्युत चालित वाहनों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए सुझाव दिया है कि सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) को रोड टैक्स (road tax) में छूट देने सहित इन्हें कई तरह की रियायत देकर प्रोत्साहित करना चाहिए।

संसद में सोमवार को पेश वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी की अध्यक्षता वाली परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की वर्ष 2023-24 की अनुदान की मांगों से जुड़ी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के कई लाभ हैं जिनमें कम वायु प्रदूषण और आयातित पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता कम करना शामिल है।

समिति भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करती है। समिति का सुझाव है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाये जाने में तेजी लाने के लिए और कदम उठाए जाने की जरूरत है।

इसमें कहा गया है कि नार्वे सहित कई देशों ने वाहन मालकों को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके इन्हें व्यापक स्तर पर अपनाया है। मंत्रालय को इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स से छूट देने और उन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इन्हें टोल प्लाजा पर छूट देने पर विचार करना चाहिए।

समिति ने कहा कि मंत्रालय इस तरह का प्रोत्साहन देने के लिए लागत लाभ विश्लेषण करे और इसके अनुसार आगे बढ़े। रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र और अन्य नागरिक सुविधाओं तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पार करने में कठिनाई और असुविधा नहीं हो। उसने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए ग्रीनफील्ड क्षेत्र के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में वाहन पारपथ, फुट ओवर ब्रिज आदि बनाए जाएं।

समिति ने ग्रीनफील्ड राजमार्ग के संरेखन के लिए केरल के विल्लकुपारा शहर को बचाने की सिफारिश भी की है। रिपोर्ट के अनुसार समिति के ध्यान में लाया गया है कि राजमार्ग के वर्तमान संरेखन के कारण विल्लकुपारा शहर (केरल स्थित) पूरी तरह से मिटा दिया जायेगा और वहां के लोग इस संरेखन का जोरदार विरोध कर रहे हैं।

समिति का मानना है कि ग्रीनफील्ड राजमार्ग लोगों के लिए और उनकी भलाई के लिए हैं और इसके कारण बड़े पैमाने पर लोगों का निष्कासन और उनकी आर्थिक संपत्तियों, कारखानों, बड़ी संख्या में इमारतों और दुकानों का नुकसान नहीं होना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, समिति यह सिफारिश करती है कि घनी आबादी वाले विलक्कुपारा शहर और इसके लोगों को बचाने के लिए राजमार्ग संख्या 744 के संरेखण को उचित रूप से बदला जाए। (भाषा)

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