नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंरबम ने 2016 में 2,000 रुपए के नोट का चलन शुरू करने के कदम को ‘मूर्खतापूर्ण’ करार देते हुए सोमवार को दावा किया कि इस मुद्रा ने केवल उन लोगों के लिए धन जमा करना आसान बना दिया, जो काला धन रखते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) (RBI) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा किए जा सकेंगे या बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने कहा था कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे। इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा था।
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पी चिदंरबम (P Chidambaram) ने ट्वीट किया, बैंकों ने स्पष्ट कर दिया है कि 2,000 रुपए के नोट बदलने के लिए कोई पहचान पत्र देने, किसी प्रपत्र को भरने या कोई साक्ष्य जमा कराने की आवश्यकता नहीं होगी। काले धन का पता लगाने के लिए 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने का भाजपा का दावा बेकार हो गया है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के पास 2,000 रुपए के नोट नहीं हैं, क्योंकि वे 2016 में इनके चलने में आने से ही इनसे बचते रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2,000 रुपए के नोट रोजाना की खुदरा वस्तुएं खरीदने में काम नहीं आते।
चिदंबरम ने कहा, ‘तो 2,000 रुपए के नोट किसने रखे और किसने इनका इस्तेमाल किया? जवाब आप जानते हैं। दो हजार रुपए के नोट ने केवल उन लोगों को पैसा जमा करने में मदद की जो कालाधन (black money) रखते हैं।’ (भाषा)