Wednesday

30-04-2025 Vol 19

उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लागू

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देहरादून। प्रदेश में परीक्षाओं में हो रही पेपर लीक (paper leak) और भर्ती घोटालों (recruitment scam) को लेकर बेरोजगार युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद बीते 2 दिनों से पूरे प्रदेश के युवाओं ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज किया था। इसके बाद तमाम युवाओं में आक्रोश बढ़ गया था। शुक्रवार को युवाओं ने प्रदेश बंद का ऐलान किया था। इसके बाद देर रात प्रदेश के राज्यपाल ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून को लागू कर दिया।

बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर विचार करने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला किया है कि पटवारी भर्ती पेपर लीक की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाएगी। उधर, राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) (Gurmeet Singh (Sr.)) ने शुक्रवार को नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह कानून पूरे प्रदेश में लागू हो गया।

12 फरवरी को होने जा रही पटवारी लेखपाल परीक्षा व अन्य सभी भर्ती परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी। देर शाम सरकार ने जारी बयान में कहा कि बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है। सरकार ने कहा सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है।

हाईकोर्ट कह चुका है कि जांच सही दिशा में चल रही है, इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती। कहा गया कि आंदोलनकारी युवाओं की मांग थी कि पटवारी भर्ती का प्रश्नपत्र बदला जाए। आयोग पहले ही पुराने प्रश्नपत्र रद्द कर नए प्रश्नपत्र तैयार कर चुका है। नकलरोधी कानून भी लागू हो गया है और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जा चुका है। इसलिए अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है।

उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (pushkar singh dhami) ने कहा कि प्रदेश में अब जितनी भी भर्ती परीक्षाएं होंगी, उन सभी में नया नकल विरोधी कानून लागू होगा। इस कानून में जुर्माने और सजा का बहुत कठोर प्रावधान किया गया है। पथराव व लाठीचार्ज की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल छात्र-छात्राओं के कंधे पर बंदूक रखकर अपना मकसद पूरा करना चाहते हैं। जो लोग छात्रों के बीच पहुंचकर हिंसात्मक माहौल बनाने की कोशिश की, प्रशासन उनकी पहचान करेगा।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हित चाहते हैं। इसीलिए जिन भी परीक्षाओं में गड़बड़ियां पाई गईं, राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल रद्द कर दिया और नई तिथि घोषित की। अभ्यर्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निशुल्क व्यवस्था की। परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल अध्यादेश को लेकर हमने कहा था कि इसे हम जरूर लेकर आएंगे, लेकिन किन्हीं कारणों से कैबिनेट बैठक होने में देरी हो गई। कैबिनेट बैठक न होने के बावजूद हमने नकल विरोधी अध्यादेश को राज्यपाल को भेज दिया था। साथ ही यह भी तय कर दिया है कि अब जितनी भी परीक्षाएं होंगी, उन सभी में यह कानून लागू होगा। सबसे सख्त कानून जो हो सकता है, वो हमने बनाने का काम किया है। इस कानून के तहत आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रुपये तक के जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने छात्रों, बेटों-बेटियों से कहना चाहते हैं कि सभी परीक्षा पारदर्शी होंगी। किसी भी अफवाहों पर न जाएं, परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दें। सभी परीक्षाएं निष्पक्ष और शुचिता के साथ होंगी।

सीएम ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल देश और उत्तराखंड में अपनी जमीन खो चुके हैं। वे छात्र- छात्राओं के कंधों पर बंदूक रखकर ऐसा काम कर रहे हैं। वे छात्रों के रूप में उनके बीच में आ गए और आंदोलन को हिंसात्मक बनाने की दिशा में ले गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे लोग जो अनावश्यक रूप से आए हैं, ऐसे लोगों के बारे में प्रशासन देखेगा कि ये कौन लोग हैं? (आईएएनएस)

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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