मुंबई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को महाराष्ट्र के दो दिग्गज विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। नीतीश ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और उसके बाद वे एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले। दोनों नेताओं ने विपक्षी एकता बनाने के नीतीश कुमार के प्रयासों का समर्थन किया और इसकी जरूरत बताई। इससे एक दिन पहले बुधवार को नीतीश कुमार ने रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी।
बहरहाल, नीतीश कुमार गुरुवार को उद्धव ठाकरे से मिलने ‘मातोश्री’ गए। दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद साझा प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ने कहा- इतने दिनों से हमारी लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय में चल रही थी। आज आप भी आ गए और फैसला भी। उद्धव ने कहा- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पहली बार ‘मातोश्री’ आए हैं। सब उनकी मंशा जानते हैं। ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। नीतीश विपक्ष और देशभक्तों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। देश को गुलाम बनाने वालों को घर भेजेंगे।
इस प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा- हम चाहते हैं ज्यादा से ज्यादा पार्टियां एकजुट हों। केंद्र कोई काम नहीं कर रही है। साथ मिलकर हम देश को आगे लेकर जाएंगे। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा- ये लोग देश का इतिहास मिटा रहे हैं। केंद्र को देश से कोई मतलब नहीं है। अपने तरीके से सब चीजों को बदल रहे हैं। हम सभी पार्टियों के साथ जल्द ही बैठक करेंगे। नीतीश के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी मौजूद रहे।
उद्धव से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार एनसीपी के प्रमुख शरद पवार के घर ‘सिल्वर ओक’ पहुंचे। नीतीश से मिलने के बाद शरद पवार ने कहा कि देश के हालात को देखते हुए लोकतंत्र को बचाने के लिए मिलकर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा- अगर हम मिल कर काम करेंगे तो देश को जिस विकल्प की जरूरत है, उसके लिए समर्थन मिलेगा। पवार ने गुरुवार को कहा- कल कर्नाटक में चुनाव था। मेरी जानकारी के अनुसार, वहां के लोग बीजेपी को हटा देंगे और एक सेकुलर गवर्नमेंट चुनेंगे।