नई दिल्ली। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी पवन खेड़ा गुरुवार को बड़े नाटकीय घटनाक्रम के तहत दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया गया और देर शाम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिहा भी हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में एक हैरतअंगेज घटनाक्रम में असम पुलिस ने उनको विमान से उतार कर गिरफ्तार किया। खेड़ा के खिलाफ उत्तर प्रदेश और असम में तीन मुकदमे दर्ज हुए हैं। इन मुकदमों को एक जगह करने का मामला भी सुप्रीम कोर्ट ने सुना है।
बहरहाल, खेड़ा कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं के साथ रायपुर में शुक्रवार से होने वाले अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए सुबह साढ़े 11 बजे की इंडिगो की फ्लाइट से रायपुर जा रहे थे। वे विमान में अपनी सीट पर बैठे थे, जहां से उनको सामान चेक कराने के बहाने उतारा गया और उसके बाद असम पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया। इस दौरान हवाईअड्डे पर जहाज के सामने भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस के तमाम नेता जहाज से उतर कर नीचे धरने पर बैठ गए। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत सहित दर्जनों नेताओं ने प्रदर्शन किया। दो घंटे बाद उनको दूसरे विमान से रायपुर भेजा गया।
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उनकी अपील पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने तीन बजे से करीब आधे घंटे की सुनवाई के बाद खेड़ा को मंगलवार यानी 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी। अदालत के आदेश के मुताबिक खेड़ा को नियमित जमानत के लिए अर्जी लगाने तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाएगी। सर्वोच्च अदालत ने खेड़ा को राहत के साथ चेतावनी भी दी। चीफ जस्टिस ने कहा- हमने आपको प्रोटेक्शन दिया है, लेकिन बयानबाजी का भी कुछ स्तर होना चाहिए।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से एक राहत और मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज तीनों एफआईआर को एक साथ क्लब करने का मामला भी सुना और असम व उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। खेड़ा के खिलाफ असम में एक जगह और उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वाराणसी में केस दर्ज किया गया है। अदालत पवन खेड़ा की गिरफ्तारी और तीनों केस को क्लब करने को लेकर 27 फरवरी को अगली सुनवाई करेगा। बहरहाल, शाम को दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खेड़ा को 30 हजार के बांड पर अंतरिम जमानत दे दी। द्वारका कोर्ट ने असम पुलिस के ट्रांजिट रिमांड की मांग पर यह फैसला सुनाया। असम में दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग में बुधवार की रात को पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था और गुरुवार की सुबह पुलिस उनको गिरफ्तार करने दिल्ली पहुंच गई थी।