इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर सहित विभिन्न मुद्दों के हल के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के साथ ‘गंभीर’ बातचीत की सहमति देते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को दो पड़ोसियों के बीच बातचीत की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कहा।
शरीफ ने सोमवार को दुबई स्थित अल अरबिया समाचार चैनल के साथ एक इंटरव्यू में यह बात कहीं। भारत और पाकिस्तान के संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। ध्यान रहे भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को पहले ही खारिज कर चुका है।
शरीफ ने कहा कि भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मेरा संदेश है कि आइए, हम बातचीत की मेज पर बैठें और कश्मीर जैसे ज्वलंत मुद्दों के हल के लिए गंभीरता से बातचीत करें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत पड़ोसी देश हैं और उन्हें ‘एक दूसरे के साथ ही रहना’ है। उन्होंने कहा, यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें, प्रगति करें या आपस में झगड़ा करें, एवं समय और संसाधनों को बर्बाद करें। भारत के साथ हमने तीन युद्ध लड़े हैं और इससे लोगों के दुख, गरीबी और बेरोजगारी में वृद्धि ही हुई है।
शरीफ ने कहा कि हमने सीख ले ली है। हम शांति से रहना चाहते हैं बशर्ते हम अपनी वास्तविक समस्याओं को हल कर सकें। हम गरीबी दूर करना चाहते हैं, समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं और अपने लोगों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं तथा रोजगार मुहैया कराना चाहते हैं और बम एवं गोला-बारूद पर अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहते हैं। और यही संदेश मैं प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं।
भारत लगातार कहता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकते और पाकिस्तान को बातचीत की बहाली के लिए अनुकूल माहौल मुहैया कराना चाहिए। शरीफ ने आगाह करते हुए कहा, हम परमाणु शक्ति संपन्न हैं, पूरी ताकत से लैस हैं एवं भगवान न करे, लेकिन अगर युद्ध छिड़ जाए तो यह बताने के लिए कौन जीवित रहेगा कि क्या हुआ था? शरीफ ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात नेतृत्व पाकिस्तान और भारत को साथ-साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत ने कहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है।