पीओके में विद्रोह है पर दुनिया ने नजरे फैरी हुई!
सितंबर 2025 के आख़िर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुज़फ़्फ़राबाद, रावलकोट, कोटली, नीलम एक-एक कर ठप पड़ गए। सड़कें बंद, आवाज़ें बेख़ौफ़, नारे गरजते हुए: “कश्मीर हमारा है, हमीं उसकी क़िस्मत का फ़ैसला करेंगे।” यह शोर नहीं, हताशा, निराशा और टूटना है। चालीस सालों में सबसे बड़े नागरिक उभारों में से एक सामने है मगर दुनिया सुविधाजनक चुप्पी ओढ़े है। सीएनएन (CNN) या बीबीसी (BBC) की कोई ब्रेकिंग अलर्ट नहीं। डीडब्ल्यू (DW) और अल जज़ीरा जैसे कुछ अपवाद छोड़ दें तो वैश्विक मीडिया ने पीओके से नज़र फेर ली। क्यों? क्या इसलिए क्योंकि यह वह कश्मीर है जो पाकिस्तान के...