नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से लौटने के बाद भारत में गगनयान मिशन की तैयारी तेज हो गई है। इस सिलसिले में यानी भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारी में बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने रविवार को पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया। यह टेस्ट गगनयान मिशन के लिए तैयार किए गए पैराशूट सिस्टम की असली परिस्थितियों में जांच करने के लिए किया गया।
इस परीक्षण का मकसद गगनयान मिशन से पहले पैराशूट खुलने के प्रोसेस की जांच करना था। ये प्रोसेस मिशन के समय अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी तय करेगी। टेस्ट के दौरान लगभग पांच टन वजनी डमी क्रू कैप्सूल को वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से चार किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। पैराशूट ने नीचे आते समय तय प्रोसेस में खुलकर कैप्सूल की रफ्तार धीमी की और उसे सुरक्षित लैंडिंग के लिए तैयार किया। इस अहम टेस्ट में इसरो, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड ने मिलकर काम किया।