अहमदाबाद। एयर इंडिया विमान हादसे में मरने वालों की संख्या 270 पहुंच गई है। राहत और बचाव टीमों ने हादसे की जगह से 270 शव बरामद किए हैं। हालांकि शुक्रवार को देर शाम तक सिर्फ सात शवों की पहचान हो पाई थी। मेडिकल टीम ने ढाई सौ से ज्यादा लोगों के परिजनों के डीएनए सैम्पल लिए हैं ताकि शवों की पहचान की जा सके। इस बीच एयर इंडिया की उड़ान एआई 171 के हादसे के एक दिन बाद शुक्रवार को एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी एएआईबी ने दो में से एक ब्लैक बॉक्स खोज लिया है। यह हॉस्टल की छत पर मिला। इससे पता चलेगा कि क्रैश होने के पहले आखिरी पलों में क्या हुआ था।
गौरतलब है कि एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही उड़ान में चालक दल के 12 सदस्यों सहित 242 लोग मौजूद थे। इसमें से एक यात्री की जान बच गई। मरने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी शामिल हैं, लेकिन शुक्रवार की देर शाम तक उनके शव की पहचान नहीं हो पाई थी। राहत व बचाव टीम ने मृतकों के परिजनों के डीएनए लिए हैं और उनसे शवों के डीएनए का मिलान किया जा रहा है क्योंकि जल जाने की वजह से किसी शव की पहचान नहीं हो पा रही है। जिन सात शवों की पहचान हुई है उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है।
विमान हादसे में एक यात्री को छोड़ कर चालक दल के सदस्यों सहित सभी यात्रियों के मौत हो गई थी। विमान में सवारर 241 लोगों की मौत हुई, जबकि 29 लोग उस मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के थे, जहां विमान गिरा था। इनमें पांच डॉक्टर भी थे। इस बीच अहमदाबाद पुलिस ने गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है, जिसके बाद जांच शुरू हो गई है। अलग अलग एजेंसियां विमान हादसे की जांच कर रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए और गुजरात पुलिस के अलावा एएआईबी और नागरिक विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए सहित आठ एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इसमें ब्रिटेन की एजेंसी भी शामिल है।
जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग से हादसे के कारणों के बारे में कुछ जानकारी मिलेगी। शुक्रवार को दिन भर सोशल मीडिया में अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स की तस्वीरें वायरल होती रहीं। हालांकि बाद में नागरिक विमानन मंत्रालय ने बताया कि वायरल हो रहा वीडियो डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का नहीं है। असली ब्लैक बॉक्स इमारत की छत पर मिला और उसके बरामद होते ही एएआईबी ने तुरंत जांच शुरू की। यह भी कहा गया है कि वहीं राज्य सरकार के 40 से ज्यादा अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर नागरिक विमानन मंत्रालय की टीम के साथ जांच में सहयोग किया।