नई दिल्ली। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने गुरुवार को कहा कि एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुँचना अभी जल्दबाज़ी होगी, क्योंकि जांच प्रक्रिया अब भी जारी है। ब्यूरो ने मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर अटकलों के आधार पर विमर्श करने से बचने की अपील की है।
एएआईबी के महानिदेशक जी. वी. जी. युगंधर ने एक बयान में कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का एक वर्ग बार-बार चुनिंदा और अपुष्ट रिपोर्टों के आधार पर निष्कर्ष निकालने की कोशिश कर रहा है। जांच के इस चरण में यह रवैया गैर-जिम्मेदाराना है।” ब्यूरो ने सभी संबंधित पक्षों से अंतिम जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा करने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह समय अटकलों के आधार पर चिंता या आक्रोश फैलाने का नहीं है। यह बयान उन खबरों के संदर्भ में आया है जिनमें कहा गया था कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा बोइंग 787-8 विमान पायलट की गलती से दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई।
बयान में कहा गया, “एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट का उद्देश्य केवल यह बताना है कि ‘क्या हुआ’। इस रिपोर्ट को उसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। जांच अब भी जारी है और अंतिम रिपोर्ट में ही मूल कारणों और सिफारिशों का खुलासा किया जाएगा।” एएआईबी ने अपील की है कि जांच की निष्पक्षता और शुचिता को प्रभावित करने वाले वक्तव्यों से परहेज किया जाए। साथ ही, इस हादसे में मारे गए यात्रियों, चालक दल और ज़मीनी कर्मचारियों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए सार्वजनिक संवेदनशीलता बनाए रखने की बात कही है।
ब्यूरो ने बताया कि यह हादसा भारत के हालिया विमानन इतिहास में सबसे विनाशकारी है, और इसकी जांच अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत अत्यंत पेशेवर ढंग से की जा रही है। उन्होंने बताया कि 2012 से एएआईबी ने 92 दुर्घटनाओं और 111 गंभीर घटनाओं की जांच की है।