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17-07-2025 Vol 19

ईरान के परमाणु ठिकाने ध्वस्त!

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नई दिल्ली। जो काम इजराइल 10 दिन के युद्ध में नहीं कर सका वह अमेरिका ने एक दिन में कर दिया। अमेरिका ने अपने बंकर ध्वस्त करने वाले बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स भेज कर ईरान के तीन परमाणु ठिकाने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिए। अमेरिकी बमवर्षक बिमानों ने फोर्डो का वह ठिकाना भी नष्ट कर दिया, जो पहाड़ों के बीच और जमीन के करीब आधा किलोमीटर अंदर था। इसके अलावा अमेरिकी विमानों ने नतांज और इस्फहान के परमाणु ठिकाने भी नष्ट किए। भारतीय समय के मुताबिक रविवार की सुबह साढ़े चार बजे अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। अमेरिकी विमानों ने 14 टन यानी 14 हजार किलो बम गिराए।

इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित किया और कहा, ‘ईरान के अहम परमाणु ठिकाने पूरी तरह से तबाह कर दिए गए हैं। फोर्डो पर बमों की एक पूरी खेप गिरा दी गई है’। उन्होंने अमेरिकी सैनिकों को इसके लिए बधाई दी और कहा कि सिर्फ अमेरिका ही ऐसा कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को धमकी देते हुए यह भी कहा कि अब उसे शांति कायम करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे। यह बात बाद में उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी दोहराई। हालांकि उप राष्ट्रपति वेंस ने यह भी कहा कि अमेरिका का हमला ईरान के खिलाफ नहीं है।

ईरान पर हमले के 12 घंटे बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इसका ब्योरा जारी किया। अमेरिकी सेना के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने बताया कि इस मिशन में 125 लड़ाकू विमान शामिल थे। इनमें सात बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स थे, जिन्होंने ईरान के फोर्डो नतांज पर करीब 14 टन वजन से बंकर बस्टर बम गिराए, जबकि इस्फहान के परमाणु ठिकाने पर टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने बताया कि ईरान में हुई सैन्य कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ था।

जनरल केन ने बताया कि इस मिशन में ईरान को भटकाने की रणनीति भी अपनाई गई। कुछ बमवर्षक विमानों को प्रशांत महासागर की ओर भेजा गया, ताकि ईरान को लगे कि हमला उधर से होगा, जबकि असली हमला दूसरी दिशा से किया गया। यह मिशन मिसौरी से शुरू हुआ और 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद से सबसे लंबा बी-2 मिशन था। उन्होंने कहा कि पूरा ऑपरेशन बेहद गुप्त था और इसकी जानकारी सिर्फ कुछ चुनिंदा अमेरिकी सैन्य अधिकारियों को ही थी। हमले के समय राष्ट्रपति ट्रंप और उप राष्ट्रपति वेंस सिचुएशन रूम में थे।

अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने कोई भी जवाबी कार्रवाई की तो पूरी ताकत से उसका जवाब दिया जाएगा। उन्होंने ईरान पर हमलों में शामिल अमेरिकी सैन्य कर्मियों के काम की तारीफ की। हेगसेथ ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का मकसद शांति है। उन्होंने साफ कहा है कि वो परमाणु हथियार नहीं चाहते, वो शांति चाहते हैं, और ईरान को भी वही रास्ता चुनना चाहिए। अमेरिकी हमले के बाद सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने के अंदर जाने वाले रास्तों को नुकसान पहुंचा है। बाद में उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने दावा किया है कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को काफी पीछे कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि, ‘हम अब इसे लंबा खींचना नहीं चाहते हैं। न ही इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। हम ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं’।

NI Desk

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