नई दिल्ली। भारतीय सेना ने रामधारी सिंह दिनकर की ‘रश्मिरथी’ और तुलसीदास के ‘रामचरितमानस’ की पंक्तियों से पाकिस्तान को चेतावनी दी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जानकारी देने के लिए सोमवार को लगातार दूसरे दिन भारत की तीनों सेनाओं ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें सैन्य अभियान के बारे में जानकारी देने के साथ साथ यह भी कहा कहा गया कि, ‘याचना नहीं अब रण होगा, जीवन जय या कि मरण होगा’। एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘भय बिनु होई न प्रीत’ का दोहा भी पढ़ कर सुनाया।
दूसरे दिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी सेना के सैन्य अभियानों के महानिदेशक यानी डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नौसेना के वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और वायुसेना के एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 32 मिनट तक फिर जानकारी दी। तीनों सैन्य अधिकारियों ने पत्रकारोरं के सवालों का जवाब भी दिया। एयर मार्शल भारती ने कहा, ‘भय बिनु होय ना प्रीति। हमारी लड़ाई आतंकवादियों के साथ है। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री के साथ नहीं है। पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ दिया, तो हमने उसका जवाब दिया। अपनी सेना के नुकसान के लिए वह खुद जिम्मेदार है’।
उन्होंने कहा, “कल हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जॉइंट ऑपरेशन की डिटेल ब्रीफिंग दी थी। हमने कहा था कि हमारी लड़ाई आतंकवादियों के साथ है। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री के साथ नहीं है। पाकिस्तान सेना ने दखलंदाजी की, हमने उसका जवाब दिया। हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के साथ थी, सात मई को हमने सिर्फ आतंकवादियों पर हमला किया। पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का साथ दिया और हमें जवाब देना पड़ा। उन्हें जो नुकसान हुआ उसके लिए पाकिस्तानी सेना जिम्मेदार है’।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमले में चीन की बनी की मिसाइल शामिल थी, इनमें लॉन्ग रेंज रॉकेट थे, यूएवी थे, चीन के बने कुछ ड्रोन भी थे। सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन्हें मार गिराया। सोमवार के सेना के अधिकारियों ने युद्ध के अहम तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी दी। यह भी बताया गया कि हमला करने के लिए किस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया और पाकिस्तान के हमलों का जवाब कैसे डिफेंस सिस्टम से दिया गया।