नई दिल्ली। मंगलवार को सत्तापक्ष और विपक्ष की जोर आजमाइश का दिन है। विपक्ष की 26 पार्टियों की बैठक बेंगलुरू में हो रही है तो दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की बैठक होगी, जिसमें 38 पार्टियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। बेंगलुरू की बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूद रहेंगी तो दिल्ली की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे। कांग्रेस की ओर से बेंगलुरू बैठक के लिए आठ नए दलों को न्योता दिया गया है तो भाजपा ने एनडीए के घटक दलों के साथ साथ कई नई सहयोगी बना कर उनको बैठक का न्योता दिया है।
बताया जा रहा है कि विपक्ष की बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम तय करने के साथ ही सीटों के बंटवारे और गठबंधन का नाम तय करने पर विचार होगा। गठबंधन की पार्टियों के बीच समन्वय के लिए किसी नेता को समन्वयक या संयोजक बनाने पर भी विचार किया जाएगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक साझा न्यूनतम कार्यक्रम के लिए वरिष्ठ नेताओं का एक ग्रुप बनाया जा सकता है। बेंगलुरू की बैठक के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार ने जबरदस्त तैयारी की है। पूरा शहर विपक्षी नेताओं को होर्डिंग व पोस्टर से भरा है। चारों तक ‘यूनाइटेड वी स्टैंड’ के नारे के साथ बड़े होर्डिंग्स लगे हैं। सोमवार की शाम को ही ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेता बैठक में पहुंच गए।
विपक्ष की बैठक से पहले सोमवार को कांग्रेस नेताओं ने एक प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें जयराम रमेश ने कहा- कुछ नेता आज नहीं आ रहे हैं कल आएंगे और यह बैठक कल सुबह होने वाली है। 11 बजे बैठक शुरू होगी और शाम चार बजे सभी पार्टियों के नेता देश को संबोधित करेंगे। उन्होंने एनडीए की बैठक पर तंज करते हुए कहा- हमारी पटना बैठक के बाद अचानक प्रधानमंत्री को एनडीए का ख्याल आया। एनडीए में एक नई जान फूंकने की कोशिश की जा रही है। एनडीए की बैठक पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- मुझे ताज्जुब है कि मोदी जी ने राज्यसभा में कहा था कि मैं सभी विपक्षियों पर अकेला भारी हूं। अगर वो सभी विपक्षियों पर अकेले भारी हैं तो वो कल एनडीए की मीटिंग में 30 पार्टियों को क्यों बुला रहे हैं। उन 30 पार्टियों का नाम तो बताएं। वे हमारी मीटिंग से घबरा गए हैं।
दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। नड्डा ने कहा कि एनडीए की मंगलवार को होने वाली बैठक में 38 सहयोगी दल शामिल होंगे। इसकी पुष्टि हो चुकी है। विपक्षी दलों की बेंगलुरु मीटिंग को नड्डा ने भानुमति का कुनबा बताया और कहा कि न नेता हैं न नीयत है और न फैसला लेने की ताकत है। रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी नेताओं जमावड़े को अवसरवादी गठबंधन बताते हुए सवालिया लहजे में कहा कि यह अवसरवादी गठबंधन कहां तक जाएगा? एनडीए की बैठक मंगलवार को शाम चार बजे से दिल्ली के अशोक होटल में होगी।