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01-05-2025 Vol 19

किसानों को मनाए पंजाब सरकार

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पंजाब सरकार से कहा कि वह शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे किसानों को सड़क से ट्रैक्टर और ट्रॉलियां हटाने के लिए राजी करे। न्यायालय ने कहा कि “राजमार्ग पार्किंग स्थल नहीं है”।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने पंजाब और हरियाणा के पुलिस प्रमुखों को अंतरराज्यीय शंभू बॉर्डर पर राजमार्ग को आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए एक सप्ताह के भीतर पड़ोसी पटियाला और अंबाला जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया।

पीठ ने पंजाब सरकार से कहा, ‘‘हम निर्देश तो नहीं दे रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार पर दबाव जरूर डाल रहे हैं कि वह किसानों को तुरंत अपने ट्रैक्टर और ट्रॉलियां हटाने के लिए राजी करे। यहां तक कि पार्किंग से भी समस्या होगी। अब, हम इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं और हम इसे तब तक लंबित रखेंगे जब तक कि सभी समस्याओं का कोई सम्मानजनक, सौहार्दपूर्ण और निष्पक्ष और न्यायसंगत समाधान नहीं मिल जाता।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी नहीं चाहता कि किसानों या कृषि समुदाय को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़े। पीठ ने कहा, “आखिरकार, हम भी चिंतित हैं। दोनों राज्य चिंतित हैं और हर कोई इसके बारे में चिंतित है।”

न्यायालय ने कहा, ‘‘पंजाब और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों और पटियाला तथा अंबाला के पुलिस अधीक्षकों के साथ दोनों जिलों के उपायुक्तों को एक सप्ताह के भीतर बैठक कर राजमार्ग को शुरुआत में एम्बुलेंस, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्राओं, आवश्यक सेवाओं और आसपास के क्षेत्रों के दैनिक यात्रियों के लिए आंशिक रूप से खोलने की रूपरेखा तय करनी है।’’

न्यायालय ने कहा कि यदि दोनों पक्ष इस प्रकार के मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं तो उन्हें इस न्यायालय के किसी आदेश की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है तथा समाधान को तत्काल लागू करना होगा।

शीर्ष अदालत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर अवरोधक हटाने के लिए कहा गया था, जहां प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को तय की और कहा कि वह उसी दिन एक बहु-सदस्यीय समिति गठित करने के लिए आदेश पारित करेगी जो सभी हितधारकों से बात करेगी और समाधान ढूंढेगी।

पीठ ने एक समिति गठित करने के वास्ते गैर-राजनीतिक नाम सुझाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकारों की भी सराहना की। यह समिति प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठकें करेगी।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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