नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को भारत पहुंचे। यात्रा के पहले दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उन्होंने मुलाकात की। इस मुलाकात में जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि दोनों देशों के बीच कोई भी मतभेद विवाद में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर तनाव कम करने का सिलसिला जारी रहना चाहिए। अपनी इस यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से भी उनकी मुलाकात होगी।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी का भारत दौरा जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पैदा हुए गंभीर तनाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे पहले एससीओ सम्मेलन के लिए रक्षा मंत्री और भारत के विदेश मंत्री ने चीन का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जाने वाले हैं।
बहरहाल, वांग यी के साथ अपनी मीटिंग में, जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए। जयशंकर ने कहा, ‘आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई एक और प्रमुख प्राथमिकता है। मैं हमारे विचारों के आदान प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं। कुल मिलाकर, हमारी उम्मीद है कि हमारी चर्चाएं भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देंगी, जो हमारे हितों की पूर्ति करेगा और हमारी चिंताओं का समाधान करेगा’।
मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता होगी। इसमें हिस्सा लेने के लिए वांग यी सोमवार को भारत के दो दिन के दौरे पर पहुंचे। गौरतलब है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद सीमा पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे और नए सिरे से गश्त शुरू हुई। हालांकि पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई के दौरान चीन ने पाकिस्तान का खुल कर समर्थन किया और उसकी मदद की।