नई दिल्ली। भारत के दो दिन के दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। सीमा विवाद पर वार्ता के लिए भारत आए वांग यी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ दोपक्षीय मीटिंग भी की। इससे पहले चीनी विदेश मंत्री ने सोमवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ दोपक्षीय वार्ता की थी, जिसमें चीन भारत को रेयर अर्थ मटेरियल्स देने के लिए तैयार हो गया है। जुलाई में चीन ने इस पर रोक लगा दी थी।
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया में साझा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘चीन के विदेश मंत्री वांग यी मिल कर खुशी हुई। पिछले साल कजान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग से मेरी मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में प्रगति हो रही है, जो एक दूसरे के हितों और संवेदनशीलताओं से निर्देशित हो रही है’। उन्होंने राष्ट्रपति शी से जल्दी होने वाली मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखा, ‘मैं तिनजियान में एससीओ सम्मेलन से इतर हमारी अगली मुलाकात के लिए उत्सुक हूं’। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, ‘भारत और चीन के बीच स्थिर, उम्मीद के मुताबिक और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि में अहम योगदान करेगा’।
गौरतलब है कि वांग यी 18 अगस्त को दो दिन के दौरे पर भारत पहुंचे। उन्होंने सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर के साथ दोपक्षीय बातचीत की थी। बताया जा रहा है कि वांग यी ने जयशंकर को भरोसा दिया कि चीन भारत को खाद, रेयर अर्थ मटेरियल्स और टनल बोरिंग मशीन की आपूर्ति करेगा। वांग यी ने कहा, ‘दुनिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं। फ्री ट्रेड और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत और चीन, जो सबसे बड़े विकासशील देश हैं और जिनकी आबादी मिलकर 2.8 अरब से ज्यादा है, उन्हें जिम्मेदारी दिखाते हुए एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए’।
मंगलवार को अपनी यात्रा के दूसरे दिन 19 अगस्त को वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ सीमा मुद्दे पर बात की। वांग यी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो समस्याएं आई हैं, वे दोनों देशों के लोगों के हित में नहीं थीं। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात का जिक्र भी किया। चीनी विदेश मंत्री ने इस मुलाकात को दोपक्षीय रिश्तों की दिशा तय करने वाली और सीमा विवाद को सुलझाने में नया जोश देने वाली बताया। दूसरी ओर डोवाल ने भरोसा जताया कि यह वार्ता भी पिछली वार्ता की तरह सफल रहेगी। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री जल्द ही एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जाएंगे। पिछले कुछ समय में रिश्तों में सुधार हुआ है, सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है, हमारे दोपक्षीय संबंध ज्यादा ठोस हुए हैं’।