नई दिल्ली। भारत ने चीन की मीडिया में चल रहे दुष्प्रचार का जवाब दिया है। भारत ने कहा है कि ताइवान पर उसके रूख में कोई बदलाव नहीं आया है। इससे पहले चीन की मीडिया में खबर चली कि भारत ने ताइवान को चीन का हिस्सा मान लिया है। चीनी मीडिया में यह खबर चीन के विदेश मंत्रालय के बयान के आधार पर चली। इस बयान में कहा गया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘ताइवान चीन का हिस्सा है।’ हालांकि भारत की ओर से जारी आधिकारिक बयान में ऐसा कहीं नहीं कहा गया है।
गौरतलब है कि भारत पिछले करीब डेढ़ दशक से ‘एक चीन नीति’ का जिक्र नहीं करता है। इसका एक कारण यह भी है कि बीजिंग की ‘एक चीन नीति’ में अरुणाचल प्रदेश का भी कुछ हिस्सा आता है। बहरहाल, चीनी दुष्प्रचार को लेकर मंगलवार को विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, ‘ताइवान को लेकर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है’। उन्होंने कहा, ‘हमने यह बात दोहराई कि बाकी दुनिया की तरह भारत का ताइवान के साथ ऐसा संबंध है, जो आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक क्षेत्रों पर आधारित है और हम इस संबंध को आगे भी जारी रखना चाहते हैं’। गौरतलब है कि सोमवार को वांग यी के दिल्ली पहुंचने के कुछ ही समय बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई।