नई दिल्ली। खतरे का निशान पार करने के बाद अब यमुना नदी का पानी दिल्ली की सड़कों पर और शहर के अंदर पहुंच गया है। लगभग आधे रिंग रोड पर पानी भर गया है, जिससे गुरुवार को पूरे दिन ट्रैफिक रेंगता रहा। यमुना का पानी राजधानी दिल्ली के सबसे व्यस्ततम आईटीओ चौराहे तक पहुंच गया और दिल्ली सरकार के सचिवालय तक में पानी भर गया। शहर के कई हिस्सों में और पॉश कॉलोनियों में तीन से चार फीट तक पानी भरा है। पहली मंजिल तक मकान डूबे हैं और बाहर खड़ी गाड़ियां पूरी तरह से डूब गई हैं।
दिल्ली सरकार ने यमुना के किनारे रहने वाले जिन लोगों को घरों से निकाल कर राहत शिविरों में पहुंचाया था उन राहत शिविरों में भी पानी भर गया है और हजारों लोगों को वहां से भी निकलना पड़ा है। उत्तर पश्चिम और पूर्वी दिल्ली में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। जहांगीरपुरी से लेकर वजीराबाद होते हुए चंदगी राम अखाड़ा, सिविल लाइंस, आईएसबीटी, कश्मीरी गेट, आईटीओ, दिल्ली सचिवालय से लेकर आगे ओखला और कालिंदी कुंज तक कई इलाकों में पानी भरा है।
मयूर विहार में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बने राहत शिविरों में यमुना का पानी भर गया तो अलीपुर में नेशनल हाईवे 44 पर फ्लाईओवर का एक हिस्सा धंस गया। ड्रोन से ली गई तस्वीरों में दिख रहा है कि पूर्वी दिल्ली में मयूर विहार में गुरुवार को बाढ़ की स्थिति बन गई है। दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर गुरुवार की सुबह नौ बजे यमुना नदी का जलस्तर 208 मीटर के करीब दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर है। गौरतलब है कि यमुना पर बना लोहे का पुल दो दिन से बंद है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी आसपास के क्षेत्रों में बने राहत शिविरों में लगातार भरता जा रहा है।
एनडीआरएफ की टीम ने जमुना बाजार के निचले इलाके में फंसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। बताया जा रहा है कि बाढ़ के साथ साथ सीवेज का पानी भी दिल्ली की सड़कों और पॉश कॉलोनियों में भर गया है। दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। कई इलाकों में घरों में गंदा पानी आने की खबरे हैं। इस बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का मुआयना किया और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बाढ़ पीड़ितों की मदद करने की अपील की।