पटना। कांग्रेस के टिकट बंटवारे में पैसे के लेन देन और पार्टी के अंदर चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस ने पार्टी के महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे को बिहार भेजा है। वे समन्वय का काम देखेंगे। राहुल गांधी का बिहार दौरा शुरू होने से पहले अविनाश पांडे पटना पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू विफल रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस को इस बार भी कमजोर सीटें मिलीं, उसकी 10 सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो गया और उसे अपनी दो सीटिंग सीटें गंवानी पड़ीं।
अविनाश पांडे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में अपनी जिम्मेदारी की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था कि वे विधानसभा चुनावों के लिए संगठनात्मक समन्वय और रणनीति निर्माण की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्होंने लिखा, ‘यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि बिहार की दिशा और दशा तय करने वाला निर्णायक अवसर है। एनडीए सरकार ने राज्य को बेरोजगारी, पलायन और विकासहीनता की ओर धकेला है। अब जनता परिवर्तन के लिए तैयार है। राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस एक बार फिर जनआकांक्षाओं का केंद्र बनकर उभर रही है’।
पटना में शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि, आने वाले दिनों में और उप मुख्यमंत्रियों के नाम की घोषणा होगी और कांग्रेस पार्टी का भी उप मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा, ‘चुनाव की रणनीति समय समय पर बदलती रहती है। जब सभी पार्टी आपस में मिलकर फैसला करते हैं तो फ्रेंडली फाइट भी एक क्लैरिटी होती है’। पांडे ने कहा, 95 फीसदी सीटों से ज्यादा पर एकमत से उम्मीदवार दिए गए। सिर्फ पांच फीसदी सीटों पर यह समझौता करके कि जिसमें बेहतर ताकत होगी, वह चुनाव लड़ सकता है, उसमें कोई बुराई नहीं है। अभी चुनाव में समय बाकी है तो हो सकता है कि कुछ सकारात्मक बदलाव भी हो जाए’।


