बेंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाषा विवाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी घसीट लिया। उन्होंने राष्ट्रपति से एक बेतुका सवाल पूछ दिया कि क्या उनको कन्नड़ आती है। आज कल कर्नाटक में ऑटो रिक्शा वालों से लेकर दुकानदारों और बैंक कर्मचारियों से स्थानीय लोग यह सवाल पूछते हैं। यही सवाल मुख्यमंत्री ने देश की प्रथम नागरिक से पूछ लिया। हालांकि राष्ट्रपति ने बहुत संयम के साथ इसका जवाब दिया।
घटना एक सितंबर की है लेकिन इसकी जानकारी शुक्रवार, पांच सितंबर को सामने आई। एक सितंबर को अखिल भारतीय वाणी एवं श्रवण संस्थान, एआईआईएसएच का गोल्डन जुबली समारोह था। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू थीं। मंच पर मौजूद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले भाषण देने गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति से सवाल पूछ लिया। उन्होंने कहा, ‘क्या आपको कन्नड़ आती है, मैं कन्नड़ में बात करता हूं’।
सिद्धारमैया के भाषण के बाद राष्ट्रपति मुर्मू भाषण देने गईं। उन्होंने सिद्धारमैया को जवाब देते कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहूंगी कि कन्नड़ भले ही मेरी मातृभाषा नहीं हैं, लेकिन यह कर्नाटक की भाषा है। मुझे भारत की हर भाषा, संस्कृति और परंपरा से प्यार है। मैं उनका सम्मान करती हूं’। राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘सब अपनी भाषा को जीवित रखिए। अपनी संस्कृति और परंपरा को जिंदा रखिए। मैं इसके लिए शुभकामनाएं देती हूं। मैं कन्नड़ भाषा धीरे धीरे सीखने का कोशिश करूंगी’।
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बताया। भाजपा ने कहा कि सिद्धारमैया में इतनी हिम्मत है कि वे यही सवाल राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा या सोनिया गांधी से पूछ लें। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में लिखा कि सिद्धारमैया की टिप्पणी अहंकार, अपमानजनक और राजनीतिक दिखावे से भरी है। इसने राज्य की आतिथ्य परंपरा का उल्लंघन किया है। विजयेंद्र ने लिखा, ‘कन्नड़ हमारा गौरव है, लेकिन एक भाषा को एकजुट करना चाहिए और पुल का निर्माण करना चाहिए, न कि इसे कभी भी दूसरों को नीचा दिखाने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए’।