देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य सहित तीन आरोपियों को जिला अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। पुलकित के अलावा उसके दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को सजा सुनाई गई है। कोटद्वार जिला कोर्ट की अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने तीनों आरोपियों को सश्रम उम्र कैद यानी कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषियों के ऊपर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
घटना के दो साल आठ महीने के बाद अदालत फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि अंकिता ऋषिकेश में पुलकित आर्य के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। 18 सितंबर, 2022 को अंकिता गायब हो गई थी। इसके छह दिन बाद 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला नहर में मिला था। उससे पहले पुलिस की पूछताछ में पुलकित आर्य ने अंकिता को लेकर झूठ बोला था। लेकिन सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हुए खुलासे के बाद पुलिस ने दोबारा पूछताछ की तो पुलकित ने जुर्म कबूल किया और बताया कि उसने अंकिता को चीला नहर में धक्का दिया था।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में सजा
बहरहाल, कोर्ट का फैसला आने से पहले अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र सिंह ने बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘जिन दरिंदों ने उनकी निर्दोष बेटी को मारा, उन्हें मौत की सजा मिलनी चाहिए’। गौरतलब है कि अंकिता के गायब होने के बाद वीरेंद्र सिंह ने अपनी बेटी की खोजबीन की थी और रिसॉर्ट पहुंच कर पूछताछ की, जिसके बाद उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया।
उस समय ऐसा लग रहा था कि पुलिस प्रभावशाली लोगों के दबाव में आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया के दबाव में पुलिस को जांच करनी पड़ी। बताया जाता है कि पुलकित ने अंकिता से अपने रिसॉर्ट में गलत काम करने को कहा था। जब उसने पुलकित की बात नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी गई।
Pic Credit: ANI
Also Read: विदेश में कोई सिंदूर स्वीकार नहीं रहा