nayaindia Gaganyaan Mission चार अंतरिक्ष यात्रियों के गगनयान मिशन का खुलासा

चार अंतरिक्ष यात्रियों के गगनयान मिशन का खुलासा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गगनयान मिशन को गति देने के लिए मंगलवार को केरल पहुंचे। जहां उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष में जाने के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्रियों से मुलाकात की। Four Astronauts Gaganyaan Mission

अंतरिक्ष में जाने के लिए शुभांशु शुक्ला, अंगद प्रताप, प्रशांत नायर और अजित कृष्णन के नाम का ऐलान पीएम मोदी ने किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने विंग्स पहनाकर सभी का स्वागत किया। इस खास मौके पर पीएम मोदी ने सभी को बधाई दी। इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों के घर पर इस खास मौके पर खुशी का माहौल है।

वहीं, प्रशांत नायर के घर पर भी खुशी का माहौल है। प्रशांत मूल रूप से केरल के पलक्कड़ के नेनमारा के रहने वाले हैं। अंतरिक्ष यात्री के रूप में उनका चयन किए जाने के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है। सभी एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। प्रशांत नायर एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन के तौर पर कार्यरत हैं।

अगर बात प्रशांत के शैक्षणिक योग्यता की करें, तो उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने अलबामा में यूएस एयर कमांड और स्टाफ कॉलेज से पहली रैंक के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद वो 1999 में एयरफोर्स में कमीशन अधिकारी के रूप में शामिल हुए। 

वो सुखोई जैसे विमान भी चलाते हैं, जिसकी वजह से उनकी पहचान एक फाइटर पायलट के रूप में होती है। बता दें कि इसरो ने अपने इस मिशन के लिए 12 पायलटों का चयन किया है। इसके बाद इन 12 पायलटों में से जो इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) के सेलेक्शन के लिए चुना गया। उन्हें कई राउंड टेस्ट के बाद इसरो और एयरफोर्स ने आखिरी में 4 पायलटों को चुना।

प्रशांत नायर को 19 जून 1999 में एयरफोर्स में कमीशन किया गया था। नायर की लंबे समय से पड़ोसी रही एक बुजुर्ग महिला इस खबर के मिलने के बाद अपनी खुशी छिपा नहीं सकी और बाहर इकट्ठा हुई भीड़ का अभिवादन करने के लिए बाहर आईं। बुजुर्ग महिला ने कहा कि मैं नायर को 4 साल की उम्र से जानती हूं। वह एक विनम्र युवा है। हमने उसे आखिरी बार तब देखा था जब वह पिछले साल छुट्टी पर घर आया था।

प्रशांत नायर के घर के बाहर जश्न मना रही भीड़ में नेनमारा विधायक के बाबू भी शामिल थे। इस मौके पर बाबू ने कहा, हममें से हर कोई उत्साहित और गौरवान्वित है कि नायर को यह दुर्लभ सम्मान मिला है। जश्न मनाने वाले लोग यह भी योजना बना रहे हैं कि जब भी नायर अपना काम खत्म होने के बाद अपने गृहनगर आएगा, तो उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।

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