नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रूस के साथ कारोबार के मामले में बड़ा मैसेज दिया है। मॉस्को की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। उन्होंने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ दोपक्षीय वार्ता की और साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़ी बातें कहीं। जयशंकर ने कहा कि ट्रंप ने जो टैरिफ लगाया है वह अजीबोगरीब है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने ही भारत से कहा था कि रूस से तेल खरीदो।
जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ट्रंप का टैरिफ इसलिए अजीबोगरीब है क्योंकि अमेरिका ने रूस के तेल खरीदने को कहा था। विदेश मंत्री के मुताबिक अमेरिका ने कहा था, ‘हमें वैश्विक एनर्जी मार्केट को स्थिर रखने के लिए हर जरूरी काम करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल की खरीद भी शामिल है’। वैसे भारत में अमेरिका के राजदूत रहे एरिक गार्सेटी के हवाले से यह खबर पहले भी आई थी।
बहरहाल, रूसी विदेश मंत्री के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने राष्ट्रपति ट्रंप को संदेश देते हुए कहा, ‘हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं है, चीन है। हम रूसी एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार नहीं है, मुझे लगता है कि यूरोपीय संघ है। रूस के साथ हमारे कारोबार में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है, मुझे लगता है कि वह दक्षिण के कुछ देश हैं, फिर भी भारत पर अतिरिक्त टैरिफ समझ से परे है’। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस के साथ कारोबार को लेकर भारत के ऊपर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। लावरोव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जयशंकर ने पुतिन से मुलाकात की।
लावरोव के साथ साझा प्रेस कान्फ्रेंस में जयशंकर ने रूस के साथ संबंधों पर खुल कर अपनी बात कही। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत और रूस के बीच संबंध दुनिया के सबसे मज़बूत रिश्तों में से एक रहे हैं। भू राजनीतिक स्थितियां, नेतृत्व संपर्क और लोकप्रिय भावनाओं की वजह से ऐसा हैं’। गौरतलब है कि राष्ट्रपति पुतिन की नवंबर या दिसंबर में होने वाली भारत यात्रा के विभिन्न पहलुओं को अंतिम रूप देने के लिए विदेश मंत्री मंगलवार को मास्को पहुंचे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की अपनी जरूरतों के आधार पर रूस से तेल की खरीद को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद भारत और रूस का रिश्ता दुनिया के सबसे स्थिर रिश्तों में से एक रहा है। दोनों देशों ने व्यापार संतुलित करने के लिए भारत से रूस को कृषि, मेडिसन और कपड़े का आयात बढ़ाने पर सहमति जताई। जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस व्यापार में नॉन टैरिफ दिक्कतों को हटाने और रेगुलेशन समस्याओं को जल्द सुलझाने के लिए काम करेंगे। इससे व्यापार असंतुलन कम होगा।