जयपुर। जुलाई में उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देने के बाद ज़गदीप धनखड़ की कोई ख़बर नहीं थी। लेकिन अब उन्होंने राजस्थान के पूर्व विधायक होने के नाते मिलने वाली पेंशन के लिए आवेदन किया है। पूर्व विधायक के नाते मिलने वाली पेंशन के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में उन्होंने आवेदन किया है। ग़ौरतलब है कि धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे। पूर्व विधायक के तौर पर उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन मिल रही थी। जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद पेंशन बंद हो गई थी। अब उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन्होंने पूर्व विधायक के नाते फिर से आवेदन किया है।
ग़ौरतलब है कि धनखड़ ने 21 जुलाई को उप राष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा सचिवालय ने धनखड़ की पेंशन आवेदन पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्हें उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर होने की तारीख से पूर्व विधायक की पेंशन मिलनी शुरू होगी। ध्यान रहे पूर्व विधायक अगर किसी भी सरकारी पद पर मनोनीत हो जाते हैं या मंत्री बन जाते हैं तो विधानसभा सचिवालय को इसकी तय फॉर्मेट में सूचना दी जाती है। इसके बाद पेंशन बंद हो जाती है। सरकारी पद से कार्यकाल पूरा होने के बाद विधानसभा सचिवालय को तय फॉर्मेट में आवेदन कर सूचना देनी होती है। इसके बाद पेंशन फिर शुरू हो जाती है। जगदीप धनखड़ ने भी उसी प्रक्रिया के तहत आवेदन किया है। धनखड़ को पूर्व उप राष्ट्रपति, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक की पेंशन मिलेगी।


