वॉशिंगटन।अमेरिका की एक अपील कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ज्यादातर टैरिफ को गैरकानूनी बताया है। कोर्ट का कहना है कि ट्रंप ने इन टैरिफ को लागू करने के लिए जिस कानून का सहारा लिया, वह उन्हें यह अधिकार नहीं देता। कोर्ट ने कहा कि ट्रंप के पास हर आयात पर टैरिफ लगाने की असीमित शक्ति नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने इस फैसले को अक्टूबर तक लागू करने से रोक दिया है, ताकि ट्रंप सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर ये टैरिफ हटे, तो अमेरिका बरबाद हो जाएगा। ग़ौरतलब है कि ट्रंप ने चीन, कनाडा, मेक्सिको जैसे देशों पर व्यापार घाटे और अन्य कारणों से टैरिफ लगाए थे। उन्होंने तर्क दिया था कि अमेरिका का व्यापार घाटा ही राष्ट्रीय आपातकाल है। ट्रंप ने इन कानूनों को अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति कानून, आईईईपीए के तहत सही ठहराया था।
ट्रंप का कहना था कि व्यापार असंतुलन अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और इसलिए उन्होंने व्यापार पर ‘नेशनल इमरजेंसी’ घोषित कर टैरिफ लगाए। अब कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि शुल्क लगाना राष्ट्रपति के अधिकार में नहीं आता, यह शक्ति केवल संसद के पास है। सात-चार के बहुमत से दिए गए इस फैसले में अदालत ने साफ लिखा कि 1977 में जब कांग्रेस ने आईईईपीए कानून बनाया था, तब उसका मकसद राष्ट्रपति को बिना सीमा के शुल्क लगाने की ताकत देना नहीं था। यह फैसला छोटे व्यवसायों और अमेरिकी राज्यों के गठबंधन द्वारा दायर मुकदमों पर आया है।


