Wednesday

30-07-2025 Vol 19

सरकार शर्मिंदगी से बचना चाह रही: कांग्रेस

31 Views

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया को लेकर दोहरा रवैया अपनाने और पाखंड करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर सिर्फ लोकसभा में कार्यवाही शुरू करने की बात कही है, जबकि प्रस्ताव राज्यसभा में भी रखा गया था।  पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, “हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और होते हैं। भाजपा का न्यायपालिका के प्रति जवाबदेही पर रुख भी ठीक ऐसा ही है—दोहरा और पाखंडी।”

उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा में प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिस पर 63 सदस्यों के हस्ताक्षर थे। लोकसभा में अलग से एक और प्रस्ताव दिया गया, जिस पर 152 सांसदों के हस्ताक्षर थे। सिंघवी ने बताया कि राज्यसभा के तत्कालीन सभापति जगदीप धनखड़ ने खुद कहा था कि प्रस्ताव प्राप्त हो गया है और उन्होंने विधि मंत्री अर्जुन मेघवाल से पूछा कि क्या लोकसभा में भी प्रस्ताव है, जिसे मंत्री ने ‘हां’ में स्वीकार किया।

उन्होंने सवाल उठाया, “जब सभापति कह चुके हैं कि प्रस्ताव नियमों के अनुरूप है, और विधि मंत्री भी लोकसभा में प्रस्ताव की बात स्वीकार करते हैं, तो प्रस्ताव को ‘स्वीकार’ क्यों नहीं किया गया?” उन्होंने किरण रिजिजू पर निशाना साधते हुए कहा, “कल एक पूर्व कानून मंत्री यह ज्ञान दे रहे थे कि राज्यसभा में कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ। तो फिर सभापति को यह बयान देने की क्या आवश्यकता थी?”

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अगर एक ही दिन दोनों सदनों में प्रस्ताव आता है, तो जांच समिति दोनों पीठासीन अधिकारियों की सहमति से बननी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, “यह सब सरकार की असुरक्षा का संकेत है। सरकार का उद्देश्य न्यायिक पारदर्शिता या भ्रष्टाचार विरोध नहीं है, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए दिखावा करना है।”

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *