द्रास। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने आतंकवाद के समर्थकों को स्पष्ट संदेश दिया है—“उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।” उन्होंने करगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा, “ऑपरेशन सिंदूर न केवल पाकिस्तान के लिए एक संदेश था, बल्कि पहलगाम आतंकवादी हमले का निर्णायक जवाब भी था। इस बार भारत ने केवल शोक नहीं जताया, बल्कि कड़ा जवाब भी दिया।”
जनरल द्विवेदी ने कहा, “सरकार की स्पष्ट छूट और देश के विश्वास के चलते सेना ने निर्णायक कार्रवाई की। भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने वालों को अब हर बार करारा जवाब मिलेगा।” उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में नौ प्रमुख आतंकी ढांचे नष्ट किए गए, और कोई भी नागरिक नुकसान की चपेट में नहीं आया।
द्विवेदी ने आगे कहा कि सेना अब तकनीकी रूप से अधिक सक्षम हो रही है—“हर पैदल बटालियन में एक ड्रोन पलटन तैनात है। ‘शक्तिबाण रेजिमेंट’ जैसे नए गठन ड्रोन और आत्मघाती तकनीकों से लैस हैं। सेना की वायु रक्षा प्रणाली अब स्वदेशी मिसाइलों से सुसज्जित की जा रही है।”
उन्होंने ‘भैरव लाइट कमांडो’ और ‘रुद्र ब्रिगेड’ की घोषणा की, जिसमें पैदल सेना से लेकर ड्रोन इकाइयों तक सभी शामिल होंगे। सेना प्रमुख ने करगिल की चोटियों पर लड़े वीरों को नमन करते हुए कहा, “यही बलिदान है, जिससे राष्ट्र आज सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी रहा है।”