नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष और सदन के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर विवादित बयान दिया। हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांग ली और उनकी बात को रिकॉर्ड से हटा दिया गया लेकिन हाल के दिनों में यह दूसरी बार है, जब नड्डा सीधे खड़गे से उलझे। पिछले सोमवार को जिस दिन तत्कालीन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा हुआ था उस दिन भी नड्डा ने खड़गे पर निशाना साधा था और कहा था कि उनकी कोई भी बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी।
बहरहाल, मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के लिए कौन जिम्मेदार है, वह कुर्सी खाली करें। अगर कोई जिम्मेदार नहीं है तो प्रधानमंत्री जवाब दें। इसके बाद खड़गे को निशाना बनाते हुए नड्डा ने कहा कि खड़गे अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान के लिए माफी मांगी।
जेपी नड्डा ने खड़गे पर हमला करते हुए कहा था, ‘उन्होंने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी की है, उनकी तकलीफ समझ सकता हूं। 11 साल से उनको वहां बैठाए रखा है। मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। पार्टी और देश के लिए गौरव का विषय है, लेकिन आप पार्टी से इतने जुड़ गए हैं कि देश गौण हो जाता है और मेंटल बैलेंस खोकर इस तरीके से बात कर रहे’।
उनके इस बयान पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। खड़गे भी नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि मोदी के मंत्री मेंटल बैलेंस खोकर बोलते हैं। खड़गे ने कहा कि जेपी नड्डा ने उन्हें मेंटल कहा है, तो वे इसे छोड़ने वाले नहीं हैं। इसके बाद जेपी नड्डा ने कहा, ‘अगर आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए आपसे माफी भी मांगता हूं’। इसके बाद सदन के रिकॉर्ड से नड्डा का कमेंट हटाया गया। इससे पहले राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की। सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या करने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट के तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित करने में हमारी सेनाओं और अन्य सुरक्षा बलों की भूमिका की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी हद तक जाएगा।