चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की शुरुआत कर दी है। आयोग ने इसे किश्तों में शुरू किया है और जल्दी ही पूरी तैयारी के साथ आयोग इस काम में उतरेगा। ध्यान रहे बिहार के मुकाबले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी इस एक्सरसाइज को लेकर ज्यादा आक्रामक हैं और इसके विरोध की तैयारी कर रही हैं। तभी चुनाव आयोग ने हालात का अंदाजा लगाने के लिए पहले 11 जिलों के नाम जारी किए हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उत्तरी और दक्षिणी बंगाल के 11 जिलों के नाम और 2002 के विशेष गहन पुनरीक्षण के आधार पर बनी मतदाता सूची अपलोड की गई है। मतदान केंद्र के हिसाब से यह मतदाता सूची अपलोड की गई है।
चुनावा आयोग ने इसके साथ ही कहा है कि जल्दी ही बाकी सभी जिलों की मतदाता सूची जारी की जाएगी। इस तरह आयोग ने संकेत दिया है कि 2002 की मतदाता सूची के आधार पर पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण का अभियान चलाएगी। इसका मतलब है कि जिन लोगों के नाम 2002 की मतदाता सूची में हैं उन्हें कोई दस्तावेज नहीं जमा कराना होगा। वे सिर्फ मतगणना प्रपत्र भरेंगे और उसके बाद जो लोग मतदाता बने हैं उन्हें चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित किए गए दस्तावेजों में से किसी दस्तावेज के साथ प्रपत्र भरना होगा। आयोग ने जिन 11 जिलों की सूची जारी की है उनमें कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, बांकुड़ा, हुगली, हावड़ा, उत्तरी व दक्षिणी दिनाजपुर, माल्दा, मेदिनीपुर और नादिया शामिल है। सो, अब बिहार के बाद बंगाल में भी जंग की तैयारी हो गई।