नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीजफायर कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का खंडन किया। हालांकि उन्होंने ट्रंप का नाम नहीं लिया। पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार की शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को युद्ध रोकने के लिए नहीं कहा था। उन्होंने यह बात दोहराई कि पाकिस्तान के सैन्य अभियानों को महानिदेशक यानी डीजीएमओ ने युद्ध रोकने की गुहार लगाई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार की शाम को अपने लंबे भाषण में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया में किसी भी देश ने भारत को कार्रवाई करने से रोका नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 देशों में सिर्फ तीन देशों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया। मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लिए बगैर कहा, ‘दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन रोकने नहीं कहा था। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से हमला रोकने की गुहार लगाई थी। क्योंकि वो हमारा हमला नहीं झेल पा रहा था’।
मोदी ने आगे कहा- ‘नौ मई की रात अमेरिका के उप राष्ट्रपति जी ने मुझसे बात करने का प्रयास किया, वो घंटे भर कोशिश कर रहे थे। मेरी सेना के साथ मीटिंग चल रही थी। बाद में मैंने उप राष्ट्रपति को फोन किया। उन्होंने मुझसे कहा, पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है। मेरा जवाब था, जिनको समझ नहीं आता उनको नहीं आएगा। अगर पाकिस्तान का ये इरादा है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा’।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के शौर्य के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘शास्त्रों में कहा गया, ‘शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे शास्त्र चिंता प्रवर्तते’, जब राष्ट्र शस्त्र से सुरक्षित होते हैं तभी वहां शास्त्र की चर्चाएं हो पाती हैं। ऑपरेशन सिंदूर बीते दशक में सेना के सशक्तीकरण का प्रतीक है’। उन्होंने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सोचा भी नहीं गया।
प्रधानमंत्री मोदी चर्चा का जवाब देने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि वे भारत का पक्ष रखने के लिए खड़े हुए हैं। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के प्रॉक्सी युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर जोरदार हमला किया और कहा कि कांग्रेस के समय आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती थी। उन्होंने हिंदू आतंकवाद की बात करने के लिए कांग्रेस नेताओं की आलोचना की। मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी निशाना बनाया।