कोलकाता। कानून की छात्रा से गैंगरेप की घटना को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। इन पर सुनवाई के बाद गुरुवार को हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है। जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस स्मिता दास डे की बेंच ने कहा कि छात्र चुनाव होने तक ये कमरे बंद रहेंगे। अदालत ने कहा कि ऐसे कमरों का इस्तेमाल किसी भी काम के लिए नहीं किया जा सकता है। जरूरत होने पर वैध कारणों के साथ यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार को आवेदन देना होगा।
इस बीच गुरुवार को पश्चिम बंगाल बार काउंसिल ने गैंगरेप के मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा की सदस्यता रद्द कर दी है और उनका नाम वकीलों की सूची से हटा दिया है। बार काउंसिल के चेयरमैन अशोक देब ने बताया कि गंभीर और अमानवीय अपराध के आरोपों के चलते आरोपी को बार काउंसिल की सूची से हटाया गया है। दूसरी ओर मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया है कि तीनों आरोपी अलग अलग बयान दे रहे हैं ताकि जांच को भटकाया जा सके। गौरतलब है कि नौ सदस्यों की एसआईटी इसकी जांच कर रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि तीनों आरोपी कानून के छात्र हैं और इन्हें कुछ कानूनी चालें आती हैं। पुलिस ने बताया कि वह यह पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि मनोजित, जैब अहमद और प्रमीत मुखर्जी अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले किन किन लोगों से मिले थे या किन लोगों के संपर्क में थे। पुलिस ने कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. नयना चटर्जी से भी दो बार पूछताछ की है। मनोजित मिश्रा ने उनसे 26 जून की सुबह फोन पर बात की थी।