नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली घाना यात्रा में दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर दस्तखत हुए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को एक और देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है। घाना ने उनको अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। अपनी घाना यात्रा के दूसरे दिन गुरुवार को प्रधानमंत्री ने घाना की संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है। घाना में होना सौभाग्य की बात है। यह लोकतंत्र की भावना से भरी हुई धरती है। घाना पूरे अफ्रीका के लिए प्रेरणा का केंद्र है’। दोनों देशों के बीच चिकित्सा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का समझौता हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है। यह हमारे लिए एक सिस्टम नहीं, बल्कि संस्कार है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत दुनिया के लिए शक्ति का स्तंभ है। एक मजबूत भारत एक स्थिर और समृद्ध दुनिया में योगदान देगा’। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी आठ दिन की विदेश यात्रा पर गए हैं, जिसमें वे पांच देशों की यात्रा करेंगे। यात्रा के पहले चरण में वे बुधवार को अफ्रीकी देश घाना पहुंचे।
घाना की संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कहा, ‘घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा से कल नेशनल अवॉर्ड मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है। भारत के 140 करोड़ लोगों की ओर से, मैं इस सम्मान के लिए घाना के लोगों को धन्यवाद देता हूं। हमारी दोस्ती आपके मशहूर शुगर लोफ अनानास से भी मीठी है’। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी को बुधवार को घाना का सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘घाना जी 20 का स्थायी सदस्य बना। यह भारत की प्रेसीडेंसी में मुमकिन हुआ। भारत की फिलॉसिफी ह्यूमैनिटी फर्स्ट है। हम सभी के खुश रहने में यकीन रखते हैं। हमें घाना में एक ऐसा देश दिखाई देता है, जो साहस के साथ हर चुनौती का बहादुरी से सामना करता है’। भारत के बारे में उन्होंने कहा, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, मूलभूत मूल्यों का हिस्सा है। भारत में ढाई हजार से ज्यादा राजनीतिक दल, अलग अलग राज्यों में 20 अलग अलग पार्टियों की सरकारें, 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं।


