नासिक। महाराष्ट्र की एक अदालत ने सरकारी कोटे के तहत फ्लैट पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने के 30 साल पुराने मामले में राज्य के कृषि मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता माणिकराव कोकाटे को बृहस्पतिवार को दो वर्ष की जेल और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। माणिकराव ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है और वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
नासिक जिला एवं सत्र न्यायालय ने पूर्व मंत्री दिवंगत टीएस दिघोले की शिकायत पर 1995 में दर्ज इस मामले में माणिकराव के भाई सुनील कोकाटे को भी दोषी करार दिया। हालांकि, अदालत ने प्राथमिकी में नामजद दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अगर माणिकराव को उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य ठहराया जा सकता है।
माणिकराव ने संवाददाताओं से कहा कि यह मामला दिघोले ने दर्ज कराया था, जिनके साथ उनकी राजनीतिक दुश्मनी थी। उन्होंने कहा, “मैंने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का निर्णय लिया है। हम सब कुछ कानून के मुताबिक करेंगे… हम उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। मुझे सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई है।”
दिघोले के पुलिस से संपर्क करने के बाद सरकारवाड़ा थाने में कोकाटे बंधुओं और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीएस) की विभन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य अपराधों का मामला दर्ज किया गया था।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने मांग की कि फैसले के बाद माणिकराव को मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।