Mayawati :- मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक के दौरान विपक्षी पार्षदों के साथ मारपीट की घटना को लेकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक में विपक्षी दलों के पार्षदों की कथित पिटाई के मामले में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के दलित पार्षदों के साथ सरेआम मारपीट करना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व निन्दनीय है। सरकार तुरंत इसका संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा ”उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में अभी हाल ही में भाजपा मंत्री व विधायक द्वारा सत्ता के अहंकार में अपनी दबंगई दिखाते हुए नगर निगम के दलित पार्षदों के साथ सरेआम मारपीट करना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।
उन्होंने कहा भाजपा एवं सरकार तुरंत इसका संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। मेरठ नगर निगम बोर्ड की 30 दिसंबर को हुई बैठक में कथित तौर पर भाजपा और विपक्षी पार्षदों के बीच हंगामे के बाद बसपा और सपा के पार्षदों की पिटाई का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर भाजपा और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है। आरोप है कि इस दौरान भाजपा के विधान परिषद सदस्य ( एमएलसी) धर्मेंद्र भारद्वाज के साथ विपक्षी दलों के पार्षदों ने धक्का-मुक्की की और मारपीट की, जिसके बाद भाजपा के पार्षद भड़क गए और फिर उन्होंने वार्ड संख्या 36 से बसपा पार्षद आशीष चौधरी और वार्ड संख्या 31 से सपा पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला की कथित पिटाई कर दी। इस घटना के बाद यूपी में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि दलित पार्षदों को भाजपा सदस्यों ने निशाना बनाया है।
दूसरी तरफ नगर निगम की बैठक में हुए हंगामे को लेकर भाजपा के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि यह सुनियोजित षडयंत्र के तहत किया गया। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा नेताओं के ‘सत्ता के अहंकार’ में डूबने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि भाजपाई सत्ता के अंहकार में डूबकर दलितों से जो अपमानजनक व्यवहार कर रहे हैं, उसका जवाब उन्हें आने वाले लोकसभा चुनाव में मिलने वाला है। भाजपा आगामी हार की हताशा में हिंसक हो गई है। वहीं रालोद के सुप्रीमो जयंत चौधरी ने मेरठ जाकर पीड़ित विपक्षी पार्षदों से मुलाकात की थी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेता सत्ता के नशे में घूंसों का इस्तेमाल करते हैं।” जयंत ने कहा, “योगी आदित्यनाथ को सोचना चाहिए कि उनकी टीम में ऐसे लोगों के रहते न्याय और कानून-व्यवस्था कैसे होगी। योगीजी को खुद इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। (आईएएनएस)