नई दिल्ली। ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के सीधा हमला करने के बाद पूरी दुनिया में कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैँ। हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद की एक इमरजेंसी बैठक बुलाई गई। ईरान ने यह बैठक बुलाने का अनुरोध किया था। भारतीय समय के मुताबिक रात साढ़े 12 बजे यह बैठक बुलाई गई। उधर संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी करने वाली इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी यानी आईएईए ने सोमवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाने का ऐलान किया है।
आईएईए के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि सोमवार की इसकी बैठक होगी। ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। बताया गया है कि मैक्रों ने इस मुद्दे पर सऊदी अरब और ओमान के नेताओं से बात की है और अब यूरोपीय नेताओं से भी चर्चा करेंगे। फ्रांस ने साफ किया है कि उसने अमेरिकी हमलों में हिस्सा नहीं लिया। फ्रांसीसी विदेश मंत्री ज्यां नोएल बैरोट ने ईरान पर हमले को लेकर चिंता जताई और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की। हालंकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने खुल कर अमेरिका का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम दुनिया की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। उन्होंने ईरान से अपील की है कि वह बातचीत के जरिए इस संकट को खत्म करने में मदद करे।
हाल के दिनों में अमेरिका से दोस्ती बढ़ा रहे पाकिस्तान ने ईरान की परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों की निंदा की है। उसने कहा कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ हैं और ईरान को अपनी आत्मरक्षा का पूरा हक है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपनी संप्रभुता और लोगों की सुरक्षा के लिए जवाब देने का अधिकार है। सऊदी अरब ने ईरान में अमेरिकी हवाई हमलों के बाद संतुलित प्रतिक्रिया दी है। सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह ईरान में खासकर उसकी परमाणु साइटों पर हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता में है।