श्रीनगर/नई दिल्ली। श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में दुर्घटनावश हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई है। 32 अन्य घायल हैं। पर वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार यह आतंकवादी हमला नहीं था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात बताया कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी।
अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट शुक्रवार रात करीब 11 बजकर 20 मिनट पर उस समय हुआ जब एक विशेष टीम ‘सफेदपोश’ आतंकवादी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटकों के बड़े और “अस्थिर” जखीरे से नमूने ले रही थी।
दोनों अधिकारियों ने पत्रकारों के किसी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। प्रभात ने बताया कि विस्फोट में फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के तीन कर्मियों, दो फोटोग्राफरों, दो राजस्व अधिकारियों (मजिस्ट्रेट टीम), राज्य अन्वेषण अभिकरण (एसआईए) के एक अधिकारी और टीम से जुड़े एक दर्जी की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि 32 लोग घायल हुए हैं—27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और आसपास के तीन नागरिक। सभी घायलों को उपचार के लिए तुरंत स्थानीय अस्पताल भेजा गया।
प्रभात और लोखंडे ने स्पष्ट किया कि विस्फोट उस समय हुआ जब एफएसएल टीम फॉरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए जब्त विस्फोटकों के बड़े जखीरे से नमूने लेने की निर्धारित प्रक्रिया में लगी थी। प्रभात ने कहा, “बरामदगी की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति के कारण नमूना लेने की प्रक्रिया और संचालन का कार्य एफएसएल टीम अत्यंत सावधानी से कर रही थी।”
उन्होंने कहा, “लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान दुर्भाग्य से कल रात लगभग 11 बजकर 20 मिनट पर एक आकस्मिक विस्फोट हुआ।” जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नौगाम थाने में हुए विस्फोट की जांच के आदेश दिए हैं।
एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि विस्फोटकों को फरीदाबाद से टाटा-407 पिकअप ट्रक में छोटे-छोटे बैगों में भरकर लाया गया था। विस्फोटकों को कश्मीर लाने के पीछे की वजह बताते हुए अधिकारी ने कहा कि मूल मामला नौगाम थाने में दर्ज है और विस्फोटक उसी पुलिस स्टेशन की संपत्ति थे, इसलिए उन्हें वहां लाना आवश्यक था।
‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल के संभावित ठिकानों पर पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ता अभी भी सुराग तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा, “संभावित निशाने को लेकर उपलब्ध जानकारी पूरी तरह काल्पनिक है।”
यह विस्फोटक जखीरा नौ और 10 नवंबर को आरोपी डॉ. मुजम्मिल गनई के फरीदाबाद स्थित किराए के घर से जब्त किया गया था। मुजम्मिल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अक्टूबर के मध्य में नौगाम के बनपोरा इलाके में दीवारों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले पोस्टर मिलने के बाद पूरी साजिश का खुलासा हुआ। सीसीटीवी फुटेज की जांच से तीन संदिग्ध—आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद—की पहचान हुई। तीनों को गिरफ्तार किया गया। इनके खिलाफ पहले पथराव के मामले दर्ज थे और इन्हें पोस्टर चिपकाते हुए देखा गया था।
इनसे पूछताछ के बाद एक पूर्व पैरामेडिक्स से इमाम बने मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया गया। उसने ही पोस्टर उपलब्ध कराए थे और माना जाता है कि उसने चिकित्सकों को कट्टरपंथी बनाने के लिए चिकित्सा समुदाय में अपनी आसान पहुँच का उपयोग किया।
इसी सुराग के आधार पर श्रीनगर पुलिस फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय पहुँची, जहां से डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया। यहीं से अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित रसायनों का बड़ा भंडार जब्त किया गया।


