वेटिकन सिटी। कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार सोमवार की सुबह सात बजकर 35 मिनट पर पोप ने अंतिम सांस ली। पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। बताया गया है कि सोमवार को रात आठ बजे वेटिकन में पोप का शव ताबूत में रखा जाएगा। उनके वेटिकन स्थित सेंट मार्था निवास पर कार्डिनल केविन जोसेफ फैरेल, पोप का शव ताबूत में रखेंगे। बुधवार को उनका शव सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा जा सकता है।
पिछले कई महीनों से पोप स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। वे पांच हफ्ते तक फेफड़ों में संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती थे। इलाज के दौरान कैथलिक चर्च के मुख्यालय वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। हालांकि 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।
पोप फ्रांसिस का निधन, विश्व शोक में
पोप फ्रांसिस 13 सौ साल में पहले गैर यूरोपीय थे, जिन्हें पोप चुना गया था। पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक व्यक्तियों के चर्च आने, सेम सेक्स कपल्स को आशीर्वाद देने, पुनर्विवाह को धार्मिक मंजूरी देने जैसे बड़े फैसले लिए। उन्होंने चर्चों में बच्चों के यौन शोषण पर माफी भी मांगी थी। दुनिया भर के देशों के नेताओं और महत्वपूर्ण हस्तियों ने पोप के निधन पर शोक जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, ‘पोप फ्रांसिस शांति से आराम करें। भगवान उन्हें और उनसे प्यार करने वाले सभी लोगों को आशीर्वाद दें’।
हालांकि यह तय नहीं है कि वे पोप के अंतिम संस्कार में वेटिकन जाएंगे या नहीं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि अभी तक राष्ट्रपति ट्रंप का पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने की योजना तय नहीं है। हालांकि उन्होंने ट्रंप के रोम जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया। गौरतलब है कि जब 2005 में जॉन पॉल द्वितीय का पोप रहने निधन हो गया था, तब राष्ट्रपति रहते हुए जॉर्ज बुश उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।
बहरहाल, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पोप फ्रांसिस के निधन पर अपनी संवेदना जाहिर की और गाजा में इजराइली हमलों की निंदा करने पर उनकी तारीफ की। उन्होंने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा- मैं दुख के साथ पोप फ्रांसिस के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी यादें सभी आजादी चाहने वालों के दिलों में रहेंगी क्योंकि उन्होंने गाजा में इजराइली नरसंहार का निंदा कर मानवीय रुख दिखाया था।
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