नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान पहुंच गए हैं। पिछले नौ साल में पाकिस्तान जाने वाले वे पहले भारतीय नेता हैं। एससीओ बैठक की मेजबानी कर रहे पाकिस्तान ने हेड ऑफ स्टेट्स की बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा था। लेकिन दोनों देशों के संबंधों में तनाव की वजह से प्रधानमंत्री की बजाय विदेश मंत्री बैठक में हिस्सा लेने गए हैं। उन्होंने भी पहले ही कह दिया है कि वे पाकिस्तान से संबंध सुधार के लिए नहीं जा रहे हैं। दोनों में से किसी देश ने दोपक्षीय वार्ता के लिए अनुरोध नहीं किया है।
बहरहाल, प्रधानमंत्री की जगह विदेश मंत्री पाकिस्तान जाने की खबर के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में कहा था- एससीओ की मीटिंग में शामिल होने अगर मोदी आते तो ज्यादा अच्छा होता, मुझे उम्मीद है कि मैं उनसे जल्दी मुलाकात करूंगा। गौरतलब है कि पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर में नवाज शरीफ के घर चले गए थे। उसके बाद सीमा पर हुई कई घटनाओं के बाद दोनों देशों के संबंधों में बहुत तनाव आ गया।
तभी प्रधानमंत्री की जगह जयशंकर पाकिस्तान गए हैं। वे पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान जाने का इकलौता मकसद एससीओ की बैठक है, वे दोनों देशों के रिश्तों पर चर्चा नहीं करेंगे। भारत के अलावा रूस और चीन सहित 10 देशों के प्रतिनिधि एससीओ की बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक को देखते हुए इस्लामाबाद में लॉकडाउन लगा दिया गया है। साथ ही पूरे शहर में तीन दिन के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई है।