शिमला। हिमाचल प्रदेश में कई महीनों से विवाद का कारण बनी संजौली मस्जिद को पूरी तरह से तोड़ा जाएगा। इस मस्जिद को लेकर शनिवार को शिमला नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें नगर निगम आयुक्त ने बाकी बची निचली दो मंजिलों को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि मस्जिद की ऊपर की मंजिल को पहले ही अवैध बताया गया था, जिसके बाद उसे तोड़ दिया गया।
वक्फ बोर्ड को शनिवार को मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज अदालत में पेश करने सहित मस्जिद का नक्शा भी अदालत को देना था। बताया जा रहा है कि वक्फ के वकील न तो सही कागजात दे पाए न ही मजबूती से अपना पक्ष रख पाए। वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा कि इस जगह मस्जिद 1947 से पहले की थी जिसको तोड़कर बनाया गया। हालांकि वे इसके कागजात नहीं पेश कर पाए।
दूसरी ओर संजौली लोकल रेजिडेंट एसोसिएसन के वकील जगत पाल ने कहा कि नगर निगम कोर्ट ने पूछा कि यदि मस्जिद 1947 से पहले की थी तो पुरानी मस्जिद को तोड़कर नई बनाने के लिए नगर निगम से नक्शा सहित अन्य जरूरी अनुमति क्यों नहीं ली गई। नियमों को ताक पर रखकर सारी मस्जिद बनाई गई। करीब 45 मिनट चली बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। दोपहर एक बजे के बाद नगर निगम आयुक्त भूपिंदर अत्री ने फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने कहा कि पूरी मस्जिद अवैध है जिसे गिराया जाए।