nayaindia reservation Bihar बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू

नई दिल्ली। बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है। सरकारी शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ा कर 65 फीसदी करने के विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए पहले से 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लागू है। इस तरह आरक्षण का दायरा बढ़ कर 75 फीसदी हो गया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए राज्य की विधानसभा से दो विधेयक पास करके राज्यपाल के पास भेजे गए थे। उनकी मंजूरी के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक की। राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुभानी सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री ने उनको निर्देश दिया कि आरक्षण बढ़ाने के तमाम प्रावधानों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

बिहार के नए आरक्षण कानून के मुताबिक अनुसूचित जातियों को 20 फीसदी, अनुसूचित जनजातियों को दो फीसदी, पिछड़ी जातियों को 18 फीसदी और अत्यंत पिछड़ी जातियों को 25 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इस नौकरी और शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी को अब 65 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। मंगलवार से यह लागू हो गया। बिहार सरकार ने इसे गजट में प्रकाशित कर दिया है। इससे पहले बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नौ नवंबर को आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश हुआ था, जिसे दोनों सदनों से सर्व सम्मति से पास किया गया। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने विधेयक को समर्थन दिया है। सरकार ने जब ये विधेयक राज्यपाल को भेजा तो राज्यपाल बिहार से बाहर थे। उन्होंने लौटते ही इसे मंजूरी दे दी।

आरक्षण की सीमा बढ़ाने से पहले बिहार सरकार ने सामाजिक व आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए थे। राज्य सरकार ने विधानसभा में इसके आंकड़े पेश किए थे, जिसमें पता चला था कि किस जाति की आर्थिक स्थिति क्या है। इससे भी पहले दो अक्टूबर को जाति गणना के आंकड़े जारी किए गए थे, जिसमें बताया गया था बिहार में पिछड़ी जातियों की आबादी 27 फीसदी और अत्यंत पिछड़ी जातियों की आबादी 36 फीसदी है। इनके अलावा एससी आबादी 19.65 फीसदी और एसटी आबादी एक फीसदी है। सवर्ण आबादी 15 फीसदी से कुछ ज्यादा है।

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