Thursday

31-07-2025 Vol 19

लोगों को परजीवी बना रही है सरकार

365 Views

नई दिल्ली। चुनाव के समय मुफ्त की सेवाएं और वस्तुएं बांटने की योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार लोगों को परजीवी बना रही है। अदालत ने यह भी कहा कि सरकार को लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना चाहिए। यह पहली बार नहीं है, जब सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त की योजनाओं पर इतनी सख्त टिप्पणी की है। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त राशन की योजना पर नाराजगी जताई थी और उससे पहले चुनाव आयोग को भी मुफ्त की योजनाओं पर नोटिस जारी किया था।

बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुफ्त की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘लोग काम करना नहीं चाहते, क्योंकि आप उन्हें मुफ्त राशन दे रहे हैं। बिना कुछ किए उन्हें पैसे दे रहे हैं’। कोर्ट ने केंद्र से पूछा, ‘इन लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की बजाय, क्या आप मुफ्त की योजनाएं लागू करके परजीवियों की जमात नहीं खड़ी कर रहे हैं’? जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने शहरी इलाकों में बेघर लोगों को आसरा दिए जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अब छह हफ्ते बाद दोबारा इस याचिका पर सुनवाई होगी।

बेंच ने बुधवार की सुनवाई में केंद्र से कहा, ‘हम आपकी परेशानी समझते हैं और सराहना करते हैं, लेकिन क्या यह अच्छा नहीं होगा कि आप ऐसे लोगों को मुख्यधारा का हिस्सा बनाएं और उन्हें देश के विकास का हिस्सा बनाएं’। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन और शहरी बेघर लोगों को आश्रय देने की योजनाओं को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी है। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को बताया कि सरकार सुनिश्चित करे कि जो आंकड़े दिए गए हैं, वे वास्तविक स्थिति को दिखाते हैं या नहीं। अदालत ने अटॉर्नी जनरल से यह भी जांचने को कहा है कि इस योजना को लागू करने में कितना समय लगेगा और इसके तहत कौन कौन से पहलू शामिल होंगे।

इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट कई बार मुफ्त की योजनाओं पर सवाल उठा चुका है। सर्वोच्च अदालत ने नौ दिसंबर 2024 को केंद्र सरकार के मुफ्त राशन बांटने पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था, ‘कब तक ऐसे मुफ्त राशन बांटा जाएगा। सरकार रोजगार के अवसर क्यों नहीं पैदा कर रही’? उस समय सुप्रीम कोर्ट में अकुशल मजदूरों को मुफ्त राशन कार्ड दिए जाने से संबंधित मामले पर सुनवाई हो रही थी। इस दौरान केंद्र ने अदालत को बताया था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त या रियायती राशन दिया जा रहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर 2024 को मुफ्त की योजनाओं पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस भेजा था। उस समय अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मांग की गई है कि चुनाव से पहले मुफ्त योजनाओं के वादे को रिश्वत घोषित किया जाए। साथ ही चुनाव आयोग ऐसी योजनाओं पर फौरन रोक लगाए।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *