नई दिल्ली। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में फंसी तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने प्रारंभिक जांच यानी पीई शुरू कर दी है। जानकारों सूत्रों के मुताबिक भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल के निर्देश पर सीबीआई ने पीई शुरू की है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल में भी शिकायत की थी। इससे पहले उनकी शिकायत पर संसद की एथिक्स कमेटी ने भी विचार किया और उनकी सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर के पास है।
इस बीच एक बड़े घटनाक्रम में सीबीआई ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। जानकार सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की प्रारंभिक जांच के नतीजे के आधार पर ही यह तय होगा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए या नहीं। गौरतलब है कि प्रारंभिक जांच के तहत, सीबीआई किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है या तलाशी नहीं ले सकती है, लेकिन वह जानकारी मांग सकती है, दस्तावेजों की जांच कर सकती है और तृणमूल सांसद से पूछताछ भी कर सकती है।
उनकी सदस्यता पर तलवार लटक रही है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर चार दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सदन में पेश कर सकते हैं। उस पर वोटिंग के जरिए उनकी सदस्यता के बारे में फैसला होगा। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी सांसद का खुल कर समर्थन किया है और आरोप लगाया है कि भाजपा उनकी सदस्यता समाप्त करने की साजिश कर रही है।
गौरतलब है कि महुआ मोइत्र पर आरोप है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे। उनके ऊपर यह भी आरोप है कि उन्होंने लोकसभा सदस्य के नाते लोकसभा की वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए मिले लॉगिन आईडी और पासवर्ड को एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को दिया था। एथिक्स कमेटी को भेजे गए हलफनामे में हीरानंदानी ने आरोपों की पुष्टि की है और कहा है कि महुआ ने उन्हें अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था ताकि वे सीधे सवाल लोकसभा की वेबसाइट पर पोस्ट कर सकें।