रांची। हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह झारखंड मुक्ति मोर्चा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक चम्पई सोरेन मुख्यमंत्री बनेंगे। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी उनको गिरफ्तार कर सकती है। गौरतलब है कि जमीन से जुड़े कथित घोटाले में ईडी हेमंत सोरेन से एक बार पूछताछ कर चुकी थी। बुधवार को लंबी पूछताछ के बाद उनके बयान से असंतुष्ट एजेंसी ने उनको गिरफ्तार करने का फैसला किया।
ईडी की पूछताछ शुरू होने से पहले हेमंत सोरेन ने जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायकों के साथ बैठक की थी। बताया जा रहा है कि हेमंत ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास किया था लेकिन कई विधायक तैयार नहीं हुए। उनके अपने परिवार में भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन के बारे में कहा जा रहा है कि वे कल्पना के नाम पर तैयार नहीं थे। इसके बाद चम्पई के नाम पर सहमति बनी और हेमंत सोरेन विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और इस्तीफा दिया। बताया जा रहा है कि उनके साथ ईडी के अधिकारी भी गए थे।
बहरहाल, इस्तीफा देने के बाद अब हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने की संभावना है। ईडी ने बुधवार को उनसे लंबी पूछताछ की। बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारी हेमंत के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुए। ईडी के सात अधिकारियों की टीम बुधवार को दोपहर सवा बजे सीएम हाउस पहुंची थी। इससे पहले 20 जनवरी को ईडी ने हेमंत सोरेन से साढ़े सात घंटे पूछताछ की थी। उसके बाद ईडी की एक टीम 29 जनवरी को हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची थी लेकिन उससे पहले वे वहां से निकल गए थे। हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर ईडी की कार्रवाई को लेकर झारखंड में ईडी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ को लेकर रांची में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। साथ ही ईडी कार्यालय, राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के आसपास धारा 144 अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी गई थी। हेमंत सोरेन के इस्तीफे की खबरों के बाद बड़ी संख्या में झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थक इकट्ठा हो गए और प्रदर्शन किया। राजभवन पहुंचे विधायकों ने भी वहां विरोध प्रदर्शन किया।