nayaindia Kashmir कश्मीर में चार सैनिक शहीद

कश्मीर में चार सैनिक शहीद

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राजौरी में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। बुधवार की देर रात तक मुठभेड़ जारी रही। इस साल सितंबर में भी इसी तरह दो अलग अलग मुठभेड़ों में चार अधिकारियों सहित छह सैनिक शहीद हो गए थे। बहरहाल, सेना की 16 कॉर्प्स मिलिट्री यूनिट के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मुठभेड़ में जान गंवाने वाले चार सैनिकों में दो अधिकारी कैप्टेन रैंक के थे।

बताया जा रहा है कि सेना पिछले तीन दिन से आतंकवादियों की घेराबंदी कर रही थी। राजौरी में तलाशी अभियान 19 नवंबर को ही शुरू हो गया था लेकिन मुठभेड़ 22 नवंबर को हुई। सेना ने मुठभेड़ को लेकर सोशल मीडिया में एक पोस्ट में कहा- खास खुफिया जानकारी के आधार पर 19 नवंबर को राजौरी जिले के कालाकोट क्षेत्र के गुलाबगढ़ जंगल में साझा अभियान शुरू किया गया। सेना ने कहा है- आतंकवादियों से 22 नवंबर को सामना हुआ और भीषण गोलीबारी हुई। भारतीय सेना की उच्चतम परंपराओं में महिलाओं और बच्चों को होने वाली क्षति को रोकने की कोशिश में हमारे बहादुरों ने वीरता के साथ बलिदान दिया। आतंकवादी घायल हो गए हैं और घिरे हुए हैं। ऑपरेशन जारी है। व्हाइट नाइट कॉर्प्स सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता है।

बताया जा रहा है कि सेना की स्पेशल फोर्स और पुलिस ने इस इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर अभियान शुरू किया था। तीन दिन की घेराबंदी के बाद बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई। गौरतलब है कि एक महीने से सुरक्षा बलों को इस इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी। सूचना के आधार पर सेना महीने भर से आतंकवादियों की तलाश भी कर रही थी। सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी है।

बताया जा रहा है कि बुद्धल तहसील के गुलेर-बेहरोटे इलाके में बुधवार की सुबह सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की एक साझा टीम द्वारा घेराबंदी करने और तलाशी अभियान के दौरान मुठभेड़ शुरू हुई। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में आतंकवादियों से मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बनी हुई है। आतंकवादी भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाकर छिपने के लिए घने जंगलों का इस्तेमाल करते हैं। बहरहाल, सुरक्षा बलों ने श्रीनगर में बुधवार को लश्कर ए तैयबा के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी आतंकवादी मुमताज अहमद लोन और जहांगीर अहमद लोन कुपवाड़ा के त्रेहगाम के रहने वाले हैं।

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