मानवाधिकारों में सेना बनाम सुप्रीम कोर्ट
मणिपुर अथवा कश्मीर में जारी घटनाओं में, अदालत के आदेश, सेना के अधिकार और जनता का विश्वास—तीनों पहलू परस्पर टकरा सकते हैं। मगर, लोकतंत्र की खूबसूरती इनमें संतुलन बनाना और संवाद की प्रक्रिया में सही समाधान ढूंढना ही होना चाहिए। जरूरत इसी बात की है कि अतीत के अनुभवों से सीखकर, आज के तात्कालिक विवादों को अंधी भावनाओं के बजाय गहन विश्लेषण और खुले संवाद द्वारा हल किया जाए। पिछले दिनों एक पोस्ट सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुई। इस पोस्ट में सेवानिवृत्त कर्नल ए। एन। रॉय का बयान सेना के उस वर्ग की भावना को स्पष्ट करता है,...